और बुरे फंसे एसपी------- - पोक्सो कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से मॉगा कारण पृच्छाSP

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और बुरे फंसे एसपी------- - पोक्सो कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से मॉगा कारण पृच्छाSP


विप्र.
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया)

-मामला अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने का

-पुलिस अधीक्षक पर आपराधिक कारवाई शुरू करने को ले मॉगा गया स्पष्टीकरण 

 जब जिले के पुलिस अधीक्षक ही मनमानी करने लगें तब अपराध व अपराधियों का कहना ही क्या? कुछ इसी प्रकार के मामले में पोक्सों कोर्ट के विशेष न्यायाधीष मनीष द्विवेदी ने पुलिस  अधीक्षक से कारण पृच्छा की मॉग की है। उन्होंने कहा है कि क्यों नहीं पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध भादवि की धारा 175 अंतर्गत आपराधिक कारवाई की जाय। 

मामला न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने तथा वांछित दस्तावेज को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने से जुड़ा है। 

जानकारी देेते हुए विषेष लोक अभियोजक भोला पासवान ने बताया कि रजौली थाना कांड संख्या-137/23  के नामजद अभियुक्त अखिलेश कुमार के द्वारा पोक्सो कोर्ट में अग्रीम जमानत आवेदन 4 दिसम्बर 23 को दाखिल किया गया। आवेदन पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने आवेदनकर्ता के आपराधिक इतिहास एवं कांड दैनिकी की मॉग अनुसंधानकर्ता से की किन्तु अनुसंधानकर्ता ने अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया। तब न्यायाधीश ने 21 दिसम्बर  23 को अनुसंधानकर्ता से सम्बंधित दस्तावेज अदालत को 5 जनवरी 24 को उपलब्ध कराने का पुनः निर्देश देते हुए अनुसंधानकर्ता को यह स्पष्ट करने को कहा कि क्यों नही उनके विरूद्ध दंड प्रक्रिय संहिता की धारा 345 अंतर्गत अदालत के अवमानना की कारवाई की जाय। 

आदेश की प्रति पुलिस अधीक्षक को भी भेजा गया था। 5 जनवरी को भी अनुसंधानकर्ता ने अदालत द्वारा वांछित दस्तावेज ना तो अदालत को उपलब्ध कराया और नही स्वयं अदालत में उपस्थित हुए। अदालत ने इस आदेश की प्रति को पुनः पुलिस अधीक्षक के पास भेजा। किन्तु अदालत द्वारा भेजा जा रहा आदेश को पुलिस के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा था। अदालत ने सम्बंधित अनुसंधानकर्ता के बेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि पुलिस अधीक्षक अनुसंधानकर्ता के विरूद्ध विभागीय कारवाई करे तथा की गई कारवाई से अदालत को अवगत कराये एवं कांड दैनिकी व आपराधिक इतिहास का प्रतिवेदन अदालत को उपलब्ध कराये।  किन्तु पुलिस अधीक्षक भी अदालत के निर्देश पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसप्रकार कई तारिख गुजर गया और वांछित दस्तावेज व जानकारी को ना तो पुलिस अधीक्षक और ना ही अनुसंधानकर्ता ने अदालत को उपलब्ध कराया। 

मामला को गम्भीरता से लेते हुए अदालत ने पुलिस अधीक्षक से ही कारण पृच्छा की मॉग किया है कि अदालत का आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने पर क्यों नही पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध भादवि की धारा 175 के  अंतर्गत आपराधिक कारवाई की जाय।

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