विप्र.नवादा(रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में ठंड का प्रकोप एक सप्ताह से तेज होने के कारण लोगों का आधे दिनों तक घर से निकलना मुश्किल हो गया है। शीतलहर के साथ हाड़ कंपाने वाली ठंड में हाइवे पर वाहनों का परिचालन प्रभावित हो गया है। पारा के लुढ़कने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कनकनी के साथ उठी शीतलहर में सावधानी बरतने का समय आ चुका है।
जिले में बुधवार को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
ठंड के कहर में धूप का दिदार भी करना लोगों के लिये मुश्किल हो गया है। तीन दिनों से लोगों ने धूप का दिदार नहीं किया, हालांकि अगले एक सप्ताह तक ठंड का पारा कम होने का आसार नहीं दिख रहा है।
बताया जाता है कि ठंड के कारण लोग लापरवाही से तरह-तरह के रोगों का शिकार हो रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में बच्चे और बूढ़ों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। वहीं ग्रामीण इलाकों में ठंड का अधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है।
रजौली अनुमंडल के जंगली व पहाड़ी इलाकों में सबसे ज्यादा ठंड का प्रभाव बना हुआ है।
जिला प्रशासन की ओर से बढ़ती ठंड को लेकर अलाव की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन वह पर्याप्त नही है। ठंड का सबसे ज्यादा असर अस्पतालों में देखने को मिल रहा है, जहां अधिकांश मरीज कोल्ड प्रभावित हैं।
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ठंड से बचने का कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। रातों भर यहां मरीजों का आना होता है, बावजूद हीटर जैसी महत्वपूर्ण उपकरणों की व्यवस्था नहीं है। नर्स कक्ष की बात करें तो यहां कई दिनों से गरमाहट वाले हीटर खराब पड़ा है। वहीं मरीजों को ठंड में बगैर हीटर के ही रहना पड़ रहा है जिससे कोल्ड ग्रसित मरीजों की परेशानी बढ़ी हुई है।
मरीज के साथ सदर अस्पताल पहुंचे परिजन प्रशासन द्वारा की गई अलाव की व्यवस्था से रात गुजारने पर मजबूर हैं।
बाजार से लेकर दफ्तर तक आधा दिन रहता है सुनसान:-
ठंड का कहर इस कदर बढ़ गया है कि दोपहर तक सरकारी दफ्तर व बाजार में लोगों की संख्या काफी कम रहती है। दोपहर बाद थोड़ी बहुत धूप निकलने पर लोग कार्यालय से बाहर धूप सेकने पहुंच जा रहे हैं। दूसरी ओर सदर अस्पताल में मरीजों के लिए अलाव की व्यवस्था तो है, परंतु वह उंट के मुंह में जीरा के फोरन के समान है। इमरजेंसी वार्ड में काम करने वाली नर्स के चेम्बर में दिया गया रूम हीटर कई दिनों से खराब पड़ा हुआ है।
थम नहीं रहा ठंड का कहर, रूम हीटर भी नहीं आ रहा काम:-
जिले में ठंड का सितम इतना बढ़ गया है कि आम जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। आलम यह है कि घने कोहरा और हाड़ कंपाने वाली ठंड में दिन के 12 बजे तक लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। सरकारी या गैर सरकारी दफतरों में भी ठंड का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
ठंड का कहर ऐसा कि अब रूम में लगे हीटर भी शरीर को गर्म करने में नाकाम साबित हो रहा है। सुबह होते ही पूरा शहर कोहरे की चादर में ढंक जा रहा है। कोहरे के कारण सड़क पर वाहनों के रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया है। लोग सुबह से अपने-अपने घरों में दुबके रह रहे हैं। धूप नहीं निकल पाने के कारण लोग अलाव जलाकर ठंड से निजात पाने की कोशिश में जुटे हैं।
जिले में जिस कदर ठंड का असर इस साल पड़ा है वह कई सालों में ऐसा ठंड नहीं पड़ने की बात बुजुर्ग बता रहे हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो लोगों को अभी ठंड से राहत मिलने की संभावनाएं दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है।
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