अचानक घर से निकलकर महिलाओं की जत्था पहुंच गई रेलवे स्टेशन, ठंड से ठिठुर रहे लोगों को ओढ़ाया कम्बल

👉

अचानक घर से निकलकर महिलाओं की जत्था पहुंच गई रेलवे स्टेशन, ठंड से ठिठुर रहे लोगों को ओढ़ाया कम्बल


विप्र.
नवादा(रवीन्द्र नाथ भैया) कहते हैं स्त्री ममता की मूर्ति होती है जो स्त्री निःस्वार्थ भाव से सेवा करती है, उसे ममता का स्वरूप कहा जाता है। जिले में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। हर लोग अपने आप को सुरक्षित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में उन गरीब व असहायों के बीच कम्बल दे देता है तो उनके लिए वह भगवान बन जाता है। यूं तो राजनीत और लोकप्रियता के शिखर पर अपना नाम दर्ज कराने के लिए इन दिनों कई ऐसे लोग हैं, जो ठंड में कम्बल वितरण कर अपनी ख्याति बटोरने में लगे हैं, परंतु यही काम जब कोई निःस्वार्थ भाव से करता है, तो उसकी चर्चा करने वाला तक नहीं होता है।

ऐसा ही एक प्रेरणादायक मामला सामने आया, जिसके बारे में जानकर हर कोई चौंक गया। 

जिले के पकरीबरावां प्रखंड स्थित धमौल निवासी लक्ष्मी नारायण की छोटू बहू पिंकी देवी ने कुछ ऐसा ही कार्य कर लोगों को गरीब व असहाय लोगों का निःस्वार्थ भाव से सेवा करने का संदेश दिया। वर्तमान में भीआईपी कॉलनी में अपने श्वसुर व पति रवि कुमार के साथ रह रही पिंकी एक साधारण सी गृहणी महिला है। इनको किसी राजनीत व लोकप्रियता से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है, लेकिन उन्होंने जब स्टेशन परिसर पर शीतलहर में ठिठुरते गरीब व असहाय लोगों को देखा तो इनके अंदर ममता का भाव जग गया और फिर देर शाम अपनी कुछ पड़ोसी महिलाओं के साथ 50 नये कम्बल मंगवाकर स्टेशन पहुंच गई।

उस समय उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर उनके पति रवि भी साथ चल रहे थे। सनसन कर चलती शीतलहर में खुद कांपती हुई उन गरीब असहायों को स्टेशन परिसर पर जमीन में लेटे देखकर उनको कम्बल ओढ़ाने लगी। हालात यह हो गया कि 50 कम्बल भी कम पड़ गये, तब उन्होंने बचे कुछ असहाय लोगों को अपने हाथों से रूपये देकर नये कम्बल खरीदने को कहा। 

यह बात जब लोगों की कानों तक पहुंची तो लोग उस स्त्री की निःस्वार्थ ममता के कायल हो गये।

उन्होंने कहा कि हमें भगवान जितना देता है, उसमें से कुछ हिस्सा इन गरीबों का भी होता है, जिसे हम अपना फर्ज समझकर उनको इस ठंड से राहत पहुंचाने पहुंचे हैं। हमसे जितना बन पड़ा हमने उन असहायों को मदद किया।  

लोगों का फर्ज बनता है कि वह भी निःस्वार्थ भाव से आगे आयें और इस जानलेवा ठंड से ऐसे लोगों को बचाने का काम करें। इस पुनित कार्य में उनके साथ अंजू सिन्हा, अलका तिवारी तथा पूनम कुमारी के अलावा कई घरेलू महिलाएं साथ थी।

हमारे Whatsapp Group को Join करें, और सभी ख़बरें तुरंत पाएं (यहीं क्लिक करें - Click Here)

Previous Post Next Post