विप्र गया
गया शहर के बिसार तालाब स्थित एक निजी संस्थान में प्रोग्रैमेटिक मैनेजमेंट ऑफ़ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी) कार्यक्रम पर जिले के सभी प्रखंडो से आए हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं चिकित्सा पदाधिकारियों का सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन वर्ल्ड विजन इंडिया एवं जिला यक्ष्मा केंद्र के सहयोग द्वारा किया गया। जिसका उद्घाटन गया के सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह, सीडीओ डॉ पंकज कुमार सिंह, डबल्यूएचओ सलाहकार डॉ रणवीर कुमार चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक निलेश कुमार, जिला लीड वर्ल्ड विजन इंडिया के रंजीत कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने कहा कि टीवी विश्व स्तर पर भारत में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी में से एक है। इस बीमारी से भारत में अत्यधिक रोगियों की मृत्यु होती है। जो करोना वायरस से होने वाली मृत्यु की अपेक्षा में कही ज्यादा है। उन्होंने सभी चिकित्सा पदाधिकारी से कहा कि हमें एकजुट होकर इस बीमारी के खिलाफ खड़ा होना है। साथ में लेटेंट टीबी इन्फेक्शन कार्यक्रम के जरिए भी इस बीमारी से जीत हासिल की जा सकती है। आप लोग के सहयोग से ही 2025 तक हम इस बीमारी पर सफलता पा सकते हैं। जैसा कि भारत सरकार ने भी 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। वहीं सीडीओ डॉ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि डब्लू.एच.ओ के एक अध्यन का जिक्र करते हुए कहा है कि भारत में विश्व स्तर पर तपेदिक संक्रमण (टीबीआई) का सबसे अधिक अनुमानित बोझ है। लगभग 35-40 करोड़ भारतीय आबादी में लेटेन टीबी इंफेक्शन है, जिनमें से 26 लाख सालाना तपेदिक (टीबी) रोग विकसित करने का अनुमान है। जिसमे टीपीटी के बाद टीबी रोग विकसित होने का जोखिम लगभग 60% कम हो जाता है और एचआईवी (पीएलएचआईवी) के साथ रहने वाले लोगों में यह कमी 90% तक हो सकती है। जो टीबी उन्मूलन के लिए काफी सहायक है।
टीबी बीमारी के लक्षण, उपचार एवं सरकार के द्वारा दी जा रही पोषण योजना एवं अन्य सरकारी सुविधाओं जो बिल्कुल निःशुल्क उपलब्ध है उसके बारे मे विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान मौके पर डॉ एम.ई हक, डीएलओ डॉ राजीव अवस्थी, डीपीसी सीमा कुमारी, जिला लीड रंजीत कुमार, एस.टी.एल.एस. मो. हिदायत्तुलाला, प्रमोद कुमार, टीपीटीसी रीता कुमारी, सत्या कुमारी , संतोष कुमार सिंह, लालबाबू प्रसाद, आशीष कुमार के अलावा सभी पीएचसी और सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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