जिले में मक्के की खेती को बढावा हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन

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जिले में मक्के की खेती को बढावा हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन



विप्र.
गया

गुरूवार को संयुक्त कृषि भवन, बाजार समिति, चंदौती, गया के सभागार में जिले में मक्के की खेती को बढावा देने हेतु एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता संयुक्त निदेशक (शश्य), मगध प्रमंडल, गया ने किया। पौधा संरक्षण परामर्श एवं उपादान वितरण योजना वर्ष 2023-24 अन्तर्गत 24 प्रखंडों के 72 पंचायतों में पौधा संरक्षण पाठशाला एवं आत्मा गया द्वारा 23 किसान पाठशाला का आयेाजन किया जा रहा है। जिसमें 2375 कृषक प्रशिक्षु के रुप में भाग लेगे। कार्यक्रम में दौरान अपने संबोधन में सचिव कृषि विभाग, बिहार, पटना ने बताया कि जिले में मक्के की खेती पर बल दिया गया है। आत्मा गया द्वारा पहली बार स्वीट कार्न पर 10 किसान पाठशाला आयोजित किया जा रहा है। मक्का की खेती करने वाले कृषकों को निशुल्क बीज उपलब्ध कराया गया है। साथ ही मक्का की खेती करने वाले कृषकों को प्रशिक्षित करने के लिए ही आज एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छः सत्रों में आयोजित करने वाले किसान पाठशाला, बी0टी0म0, ए0टी0म0, एवं कृषि समन्वयक भाग लिये। कार्यक्रम के दौरान संयुक्त निदेशक, (शष्य), मगध प्रमंडल, गया ने जानकारी देते हुए बताया कि मक्का की खेती से मुनाफा अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा होता है। इस कारण इसकी खेती को अधिक से अधिक करने करने हेतु कृषकों के बीच जागरुकता पर बल दिया जाय। साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन के अनुकुल खेती करने के लिए किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि  छः सत्रों में पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है। सभी बी0टी0म0, ए0टी0म0, एवं कृषि समन्वयक सुचारु रुप से प्रशिक्षण देने का कार्य करेगे। आत्मा द्वारा पहली बार स्वीट कार्न पर खेती पर बल दिया जा रहा है। जो दस प्रखंडों में चलाया जा रहा है।  वहीं मुख्य कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र आमस एस0बी0 सिंह के द्वारा मौसम के अनुकुल खेती पर बल दिया गया। कृषि वैज्ञानिक देवेन्द्र मंडल द्वारा मक्के की खेती के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, गया द्वारा मक्का में लगने वाले कीट व्याधि के बारे में जानकारी दी गयी। साथ ही छः सत्रों में संचालित पौधा संरक्षण पाठशाला के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी। कृषि परामर्शी सुदामा सिंह द्वारा मक्के की बुआई जीरो टिलेज मशीन से करने हेतु बल दिया गया।

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