अभाविप के उग्र आन्दोलन के आगे झूका गया कॉलेज प्रशासन, 472 छात्र-छात्राओं के रद्द किए गए नामांकन बिना शर्त लिया वापस

👉

अभाविप के उग्र आन्दोलन के आगे झूका गया कॉलेज प्रशासन, 472 छात्र-छात्राओं के रद्द किए गए नामांकन बिना शर्त लिया वापस


विप्र.
प्रभात कुमार मिश्रा, गया

अभाविप के उग्र आन्दोलन के आगे गया कॉलेज प्रशासन को आखिर कार झुकना पड़ा। कॉलेज प्रशासन द्वारा 472 छात्र-छात्राओं के रद्द किए गए नामांकन को बिना शर्त  वापस ले लिया है। अभाविप ने कहां कि हम भी 75% उपस्थिति के समर्थक है और इसे शक्ति से लागू करने की मांग करते है। पहले छात्र-छात्राओं को गया कॉलेज में आने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन एवं कॉलेज प्रशासन को सभी छात्र-छात्राओ से सम्पर्क कर उन्हें महाविद्यालय में आने के लिए प्रेरित करना चाहिए और महाविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण बनाना चाहिए कि छात्र-छात्राएं पढने के लिए महाविद्यालय आए है। पिछले कुछ वर्षो से मगध विश्वविद्यालय कि शैक्षणिक स्थिति खराब होने के कारण छात्र-छात्राओ का विश्वास विश्वविद्यालय से टूट गया है। पहले विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र-छात्राओं का विश्वास जीते और काॅलेज चलों अभियान ले जिसका साथ अभाविप भी देगी। मालूम हो कि गया कॉलेज इकाई द्वारा आज किए गए उग्र आंदोलन के बाद गया कॉलेज प्रशासन द्वारा किए गए 472 छात्र-छात्राओ के नामांकन बिना शर्त वापस लिया गया। अभाविप के गया कॉलेज इकाई के अध्यक्ष हर्ष कुमार ने कहां कि कुलपति एवं कुलसचिव के निरिक्षण के दौरान अनुपस्थित छात्र-छात्राओ का नामांकन रद्द करने का आदेश असंवैधानिक है। आज जिस तरह कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन मनमानी कर रही है उसे अभाविप बर्दाश्त नही करेगी। कॉलेज में ना शिक्षक है, ना क्लास रूम सही है, ना सही प्रयोगशाला है, ना लैब है सही, ना सही पीने कि पानी कि व्यवस्था है, ना शौचालय कि सही व्यवस्था है। काॅलेज प्रशासन छात्र-छात्राओ को वर्ग संचालन करने के लिए पहले कॉलेज प्रशासन सभी छात्रों से वार्ता करें उन्हे काॅलेज आने के लिए प्रेरित करें। अगर छात्रों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ होता तो विद्यार्थी परिषद बर्दाश्त नहीं करेगा। पहले कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण बनाने का काम करें। छात्र-छात्राओ के लिए सभी मुलभूत सुविधाओं कि व्यवस्था करें उसके बाद ही छात्र भी नियमों का पालन करेगें। काॅलेज प्रशासन छात्र-छात्राओ का मोबाइल नंबर, अभिभावक का नंबर, पता एवं मेल आईडी होने के बावजूद उन्हे सुचना नही भेजे और उनका नामांकन रद्द कर दिया जाना नियम के विरुद्ध है।

वही, अभाविप महानगर मंत्री विनायक कुमार ने कहां कि बिहार कि सरकार और मगध विश्वविद्यालय प्रशासन पहले अपनी शैक्षणिक व्यवस्था सुधारे उसके बाद हिटलशाही करें। मगध विश्वविद्यालय के काॅलेजों मे शिक्षक नही है पहले विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों कि व्यवस्था करें। विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज प्रशासन अपनी गलती छिपाने के लिए और अपनी बहावही कराने लिए छात्र-छात्राओ पर हिटलरशाही डंडा चला रही है जिसे अभाविप बर्दाश्त नही करेगी। पहले कॉलेज प्रशासन अपनी व्यवस्था सुधारे। प्रदेश सह मंत्री सूरज सिंह, विभाग संगठन मंत्री पशुपतिनाथ उपमन्यु, महानगर मंत्री विनायक कुमार, कॉलेज उपाध्यक्ष अंकित कुमार, हर्ष कुमार, आशीष कुमार, रोशन कुमार, शुभम कुमार, दित्य मिश्रा, अमित कुमार, राज कुमार, कुश कुमार, अंशु कुमार सूर्यांश कुमार, मयंक कुमार, शिव शक्ति पांडे, राहुल कुमार, विवेक कुमार आदि मौजूद रहे।

हमारे Whatsapp Group को Join करें, और सभी ख़बरें तुरंत पाएं (यहीं क्लिक करें - Click Here)




Previous Post Next Post