खरना के साथ शुरू हो गया 36 घंटे का निर्जला व्रत, जानिए क्या हैं इसके महत्व

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खरना के साथ शुरू हो गया 36 घंटे का निर्जला व्रत, जानिए क्या हैं इसके महत्व


नवादा से रवीन्द्र नाथ भैया की रिपोर्ट 

नवादा शनिवार को खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया।दरअसल, छठ पूजा उत्सव के दूसरे दिन खरना होता है,इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फलों का सेवन करती हैं। यही प्रसाद घर के बाकी के सदस्यों को भी दिया जाता है।मालुम हो कि, खरना के दिन सूर्यास्त समय : 18 नवंबर शाम 05:26 पर और अमृत काल पूजा मुहूर्त : 18 नवंबर 2023 शाम 06:01 से 07:33 के बीच था।दरअसल खरना का अर्थ खुद को साफ और शुद्ध रखना है। इसके लिए शुद्ध भोजन भी करते हैं।इसको लोहंडा के नाम से भी जानते हैं। इस पूजा में शुद्धता का खास खयाल रखा जाता है।इसी दिन से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है जो उदीयमान सूर्य को अर्घ्य समर्पण व प्रसाद वितरण के साथ समाप्त होगा।

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