सात साल से लंबित चार लाख से ऊपर राज्य कर्मियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ: मंत्रिमंडल का निर्णय - Pronnati

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सात साल से लंबित चार लाख से ऊपर राज्य कर्मियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ: मंत्रिमंडल का निर्णय - Pronnati

- सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक पंचायत से लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के उच्चतर पदों तक सभी कर्मचारी अधिकारियों को दी प्रोन्नति दी


विप्र राज्य ब्यूरो, पटना
: राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी प्रोन्नति के योग्य पदाधिकारियों व कर्मचारियों को वेतनमान सुविधाओं समेत प्रोन्नति की सारी सुविधाएं देने का निर्णय किया है। इससे चार लाख से ऊपर सभी राज्य कर्मियों की एक साथ प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।  शर्त यह है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार पदों पर प्रोन्नति प्रभावित होगी पर वे अगर नीचे वाले पद पर आएंगे तो भी उनसे उच्च पदों पर लिए गए वेतनमान को सरकार नहीं वसूलेगी।

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि मंत्रिमंडल ने एससी के 16 और एसटी के एक यानी कुल 17 प्रतिशत पदों को फ्रीज करते हुऐ बचे 83 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया है। इन 83 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति देने में भी यह देखा जाएगा कि एससी के 16 और एसटी के एक यानी कुल 17 प्रतिशत  पदों का कितना प्रतिनिधित्व है। यदि निर्धारित 17 प्रतिशत पदों में उदहारण के लिए 5 प्रतिशत या 7 प्रतिशत पद ही भरते हैं तो शेष बचे 11 या 10 प्रतिशत पदों को भी फ्रीज रखा जाएगा। 

दरअसल वर्ष 2016 से एससी एसटी के पदों की प्रोन्नति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस कारण राज्य में सभी स्तर के कर्मचारियों अधिकारियों को उनके ही वेतनमान में अब तक उच्च पदों का चार्ज दिया जाता रहा है। उन्हें उच्च पदों का वेतनमान नही मिलता। अब सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से जिस पद पर कर्मी अधिकारी काम करेंगे उस पद का वेतनमान व अन्य सुविधाएं उन्हें मिलेंगी। हालांकि सिद्धार्थ ने बताया कि रोस्टर का बिंदु अभी स्थगित रखा गया है और भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सभी को नियमित प्रोन्नति दी जाएगी।

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