प्रधानमंत्री 73 वें जयंती और विश्वकर्मा पूजा पर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा'योजना का शुभारंभ

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प्रधानमंत्री 73 वें जयंती और विश्वकर्मा पूजा पर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा'योजना का शुभारंभ


- पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान के लिए ऋण योजना सुविधा का दिया सौगात

विप्र. संवाददाता गया : विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर रविवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत देश में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 73वें जन्म दिवस और विश्वकर्मा पूजा के मौके पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत एक साथ पूरे देश के कई स्टेशनों पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिमोट दबाकर किया गया। पीएम विश्वकर्म योजना के शुभारंभ कार्यक्रम का गया जंक्शन परिसर में सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम रेलवे की ओर से की गई थी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  भारत सरकार केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी शामिल हुई। इस मौके पर पूर्व सांसद हरि मांझी, पूर्व सांसद रामजी मांझी, गया नगर विधायक सह पूर्व मंत्री डा.प्रेम कुमार, वजीरगंज विधायक वीरेंद्र सिंह,पूर्व विधायक श्यामदेव पासवान, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश उर्फ चिंटू शर्मा सहित रेलवे के डीआरएम राजेश गुप्ता,सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह, सीनियर डीसीएम सुधांशु रंजन, आरपीएफ कमांडेंट जेथीन बी राज, गया स्टेशन प्रबंधक उमेश कुमार से मिथलेश कुमार, राम प्रवेश प्रसाद, आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय प्रकाश के अलावा रेलवे के विभिन्न विभाग के अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा यह योजना पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता और कौशल प्रदान करने के लिए 3 लाख रुपया और टूल किट के लिए 15 हजार रूपया लोन के माध्यम से दी जाएगी । जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रविवार को किया गया।

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि यह योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री कर रहे हैं। जिससे कल के क्षेत्र में अपनी कला से कलाकृति कर आकृति दिखा सकेंगे। जिससे विश्वकर्मा समाज के लोगों को आर्थिक बल मिलेगा और आत्मनिर्भर बनेंगे जिससे देश और विकसित होगा। इसके साथी इन्होंने सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं दी।उन्होंने बताया है कि देश में शिक्षा का स्तर पहले का अपेक्षा बहुत अच्छा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का दुनिया में बढ़ रहा है। अपने देश के लोग अपने कौशल पराक्रम कार्य क्षमता से देश और दुनिया में नाम रोशन कर भारत का नाम ऊंचा कर रहे हैं। इसका उदाहरण है कि हाल ही में जी-20 की बैठक हुई दिल्ली में हुई। दुनिया के बड़े और विकसित देश के प्रमुख भारत में आए और भारत का विश्व में गाथा गया जा रहा है।

पीएम विश्वकर्म योजना का राशि सहायता के दृष्टिकोण से प्रेरित है:

पीएम विश्वकर्मा' को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केन्द्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा का व्यापक दायरा इसमें अठारह शिल्पों को शामिल किया जाना है। पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम विश्वकर्माओं को मान्यता प्रदान की जाएगी। विश्वकर्माओं को कौशल उन्नयन के लिए ऋण सहायता और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर पर "पीएम विश्वकर्मा" नाम से एक नई योजना का शुभारंभ किया।

विश्वकर्म योजना के तहत कार्यक्रम और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता किया जाएगा प्रदान:

शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए यह योजना है। यह फोकस न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने की इच्छा से भी प्रेरित है। पीएम विश्वकर्मा को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक संपार्श्विक- मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।





पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 18 पारंपरिक शिल्पकारों को किया गया है शामिल

पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत अठारह पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया जाएगा। इनमें बढ़ई, नौका निर्माता,शस्त्रसाज,लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता,ताला बनाने वाला,सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला,मोची जूता/जूता कारीगर,राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं। इस कार्यक्रम के दौरान एस्कॉर्ट गाइड के शंभू प्रसाद के नेतृत्व में एस्कॉर्ट गाइड के छात्र-छात्राएं सुविधा प्रदान करने के लिए तैनात रहे। वही कार्यक्रम स्थल पर पीएनबी बैंक की ओर से संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से हाथ से बने सामानों का काउंटर लगाया गया था। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण संस्थान के मनोज कुमार और आदर्श कुमार के द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता संतोष कुमार गुप्ता, संतोष ठाकुर, संतोष सिंह,अशोक भारती, रामप्रवेश सिंह, राजेंद्र अधिवक्ता के अलावा गया शहर के बुद्धिजीवी लोग मौजूद थे।

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