तिलैया स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का अभाव, यात्रियों को हमेशा सताते रहता है असुरक्षा का भय

👉

तिलैया स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का अभाव, यात्रियों को हमेशा सताते रहता है असुरक्षा का भय


विप्र.
नवादा(रवीन्द्र नाथ भैया) जिले के हिसुआ प्रखंड स्थित तिलैया स्टेशन को जंक्शन होने का सौभाग्य जरूर मिला है, लेकिन व्यवस्था किसी सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों के स्टेशन से भी बदतर है। प्लेटफार्म पर यात्रियों की कम और चार पहिया तथा बाइक की आवाजाही ज्यादा होती है। बाइक तो प्लेटफार्म से ऐसे गुजरती है, जैसे यह प्लेटफार्म नहीं बल्कि फार्मूला वन का ट्रैक हो। इसी वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

तिलैया जंक्शन पर न तो पानी की सुविधा है और न ही यात्रियों के रुकने या बैठने की। शौचालय और सुरक्षा व्यवस्था की तो बात ही छोड़ दीजिए, कब किसका बटुआ कट जाए, कब किसका मोबाइल छीन जाये कोई जानता नहीं। यह जिले का एकमात्र जक्शन है। जंक्शन की बदनसीबी का आलम यह है कि नवादा वासियों के लिए सीधे दिल्ली जाने के लिए ट्रेनें तो मिली, लेकिन उसका ठहराव इस जंक्शन पर नहीं दिया गया, जिससे यहां के लोगों में काफी मायूसी है। 

स्थानीय लोग काफी दिनों से इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक रेलवे के अधिकारियों ने इस पर ध्यान देना उचित नहीं समझा। कामाख्या के ठहराव होने के बाद से लोगों में यह आशा जगी है कि लंबी दूरी के अन्य ट्रेनों का ठहराव भी इस स्टेशन पर जल्द होगी। 

जंक्शन के चारों तरफ से खुले होने के कारण यात्रियों के मन में असुरक्षा का भावना रहना है।

जमीन पर बैठते हैं यात्री:-

यहां आने वाले यात्रियों के लिए सुविधाओं का घोर अभाव है। यात्रियों के लिए यहां न यात्री शेड बना हुआ है और गंदगी के अम्बार रहने के कारण लोग वहां बैठना नहीं चाहते हैं। फिलहाल एक शौचालय बना भी है तो उसमें लोहे की तार लपेट कर रखा गया है, जिससे यात्रियों को उसकी सुविधा नहीं मिल पाती है।

कहते हैं यात्री:-

तिलैया स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियो का कहना है कि तिलैया जंक्शन सिर्फ नाम का जंक्शन है। कामाख्या एक्सप्रेस के ठहराव के बाद शायद यहां की व्यवस्था में सुधार हो, फिलहाल यहां का व्यवस्था हाॅल्ट से भी बदतर है। यहां टॉयलेट है पर उसमें भी कुंडी लगा दिया गया है। एक नंबर प्लेटफार्म पर लाईन रहती है तो दो-तीन नंबर प्लेटफाॅर्म पर नहीं रहती। यात्रियों के लिए ठहराव की व्यवस्था नहीं है। आरक्षण काउंटर नहीं है। पुलिस प्रशासन की व्यवस्था नहीं है साथ ही मेमू ट्रेन में शौचालय नहीं है। यहां चारों तरफ बाउंड्री भी नहीं है, जिसके कारण किसी तरह की अप्रिय घटना कभी भी हो सकती है।

हमारे Whatsapp Group को Join करें, और सभी ख़बरें तुरंत पाएं (यहीं क्लिक करें - Click Here)

Previous Post Next Post