स्कूल में पदस्थापित चार शिक्षक रहते हैं गायब, बच्चों ने छोड़ा स्कूल

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स्कूल में पदस्थापित चार शिक्षक रहते हैं गायब, बच्चों ने छोड़ा स्कूल



विप्र. 
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) 

- प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलो मीटर से भी कम दूरी पर स्थित विद्यायल का हाल 

शिक्षा विभाग के एसीएस के. के. पाठक के लाख प्रयास के बाद भी शिक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। खासकर सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। शिक्षा विभाग के सख्त फरमान भी इन विद्यालयों पर बेअसर दिख रहा है।

इसका उदाहरण जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय का है जहां शिक्षा व्यवस्था विभाग के निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए शिक्षकों की मनमानी के अनुसार संचालित है। 

सिरदला प्रखंड क्षेत्र के बवनी नगमा गांव के प्राथमिक विद्यालय बवनी नगमां में तैनात चार शिक्षक क्रमशः प्रधान शिक्षक मुन्ना शर्मा जो सिरदला में रहते हैं, व अन्य कार्य करते हैं, सहायक शिक्षक रवि प्रताप जो बगल के गांव निंमदा से आतें हैं, प्रेमा सिन्हा जो उपयुक्त विद्यालय के बगल में ही घर है, पर वो हमेशा किसी कार्य से बाहर ही रहते है ,सरिता कुमारी जो बेगूसराय की रहने वाली हैं और अपने मायके रजौली से कभी कभार विद्यालय जाती, आतीं हैं। उपयुक्त शिक्षक व शिक्षिका के लगातार गैरहाजिर रहने से कई माह से स्कूल नहीं खुला है। वहीं स्कूल खुला भी तो बच्चे गायब , एकाध शिक्षक कुछ घंटे उपस्थित रहतें हैं।

यहां बच्चों को मिलने वाली सरकारी लाभ आदि भी नहीं मिले हैं। 

मिड डे मील का तो हाल ही नहीं पूछिए, महीनों तक चूल्हा भी नही जलता है , माने तो सिर्फ कागजों पर चलता है विद्यालय । 

बच्चे शुरुआत में कई दिन तक स्कूल आए और ताला बंद देखकर लौट गए। 

जब स्कूल में शिक्षक ही नही आते है तो बच्चे किस से पढेंगें:-

तो अब बच्चों ने भी विद्यालय आना ही बंद कर दिया है। कई बार लगातार स्कूल बंद रहने की सूचना ग्रामीणों के द्वारा स्थानीय प्रशासन को आवेदन देकर शिकायत किया गया था पर कोई सुनने वाला नहीं। ग्रामीणों ने बताया कि मोहल्ले के सभी बच्चे अन्य स्कूलों में पढ़ने को मजबूर हैं। 

एक ग्रामीण ने तो बताया की उनका पुत्र भी इसी विद्यालय में पढ़ता है लेकिन शिक्षक के नहीं आने से स्कूल नहीं खुल रहा है , मजबूरन बच्चे को प्राइवेट विद्यालय में पढ़ाना पड़ रहा है। कई ग्रामीणों ने बताया की हमारे गांव के सभी जाति, समुदाय के कई बच्चे पहले हमारे हीं गांव के विद्यालय में पढ़ते थे,पर विद्यालय नहीं खुलने के कारण बच्चे को अन्य विद्यालय में पढ़ाने को मजबूर हैं। 

ग्रामीणों की मानें तो स्कूल में चार शिक्षक है, जिसमे दो शिक्षक व दो शिक्षिका हैं , लेकिन कोई नही आतें। कई तो बाहर ही अपने परिवार व बच्चों के साथ रहतें हैं। 

इस स्कूल में दो रसोइया कबूतरी देवी व कुंती देवी हैं जो बच्चों के नही आने के कारण खाना बना भी बंद कर दी है। जब की मिड डे मील का सारा सामान हर महीने उपलब्ध हो रहा है।

स्कूल का भवन बनाने को मुहैया करवाए गए जमीन के मालिक सेवा निवृत्त शिक्षक श्री प्रयाग प्रसाद व उनके अन्य परिवार ने बताया की वर्षों पूर्व हम ने गांव में ही विद्यालय निर्माण के लिऐ अपनी पुस्तैनी जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर स्कूल निर्माण में सहयोग किया था। उद्देश्य था की मेरे गांव का कोई भी बच्चा अनपढ़ ना रहे। पर हाल ये है की इतने बड़े विद्यालय भवन में चार शिक्षक रहते हुए भी, स्कूल हमेशा बंद रहता है ।

एक मुलाकात में प्रधान शिक्षक ने बताया कि हमारे विद्यालय में करीब एक सौ बच्चे का नामांकन है। मैं तो रोज विद्यालय जाता हूं पर बच्चे विद्यालय नही आते हैं तो मैं कु करूं? बाकी के शिक्षकों के बारे में पूछने पर कुछ भी बताने से परहेज किया । 

इस बावत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राज नारायण प्रसाद से दो दिनों तक मुलाकात के लिए बी आर सी सिरदला गया तो गायब मिले । जब फोन किया तो फोन भी नहीं उठाए ।

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