विप्र.
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले के उग्रवाद प्रभावित
रजौली वन विभाग के अधिकारी व महिला केयर टेकरों के बीच तनातनी परवान पर है। महिला केयर टेकरों ने थाना में आवेदन देकर वन विभाग के रेंजर पर छेङखानी करने और प्रताड़ित करने का गम्भीर आरोप लगाया है।
दूसरी ओर रेंजर ने भी आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है।
थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच आरंभ की है। रजौली प्रखंड क्षेत्र के 3 महिला केयर टेकरों ने रेंजर मनोज कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उक्त रेंजर द्वारा महिला टेकरों को अकेले पाकर अक्सर छेडछाड की जाती है। 9 मार्च की रात्रि 11 बजे दो महिला टेकरों को लेकर जंगल क्षेत्र में पेट्रोलिंग के नाम पर ले जाकर आपत्तिजनक छेडछाड की । गलत व्यवहार करने पर नौकरी से हटा देने के साथ रात्री के 11 बजे सुनसान रास्तों पर गाङी से उतार दिया और कहा कि जहां जाना है शौक से जाओ।
एक और महिला टेकर ने बताया कि मातृत्व अवकाश के बाद काम पर लौटी तो उसे हटा दिया गया।
तीनों महिला टेकरों ने थानाध्यक्ष, एसडीपीओ समेत पटना मुख्यालय में शिकायत दर्ज कर भ्रष्ट व चरित्रहीन रेंजर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है।
इस बाबत रेंजर मनोज कुमार ने बताया कि महिला टेकरों द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। उक्त महिला केयर टेकर जीविका और वन विभाग दोनों में काम करती हैं। जिसको लेकर उसे जीविका या वन विभाग दोनों में से एक जगह काम करने की बात कही गई थी। क्योंकि जीविका काम करते रहने पर वन विभाग द्वारा वेतनमान भुगतान करना गलत होगा। इसी को लेकर महिला टेकरों द्वारा झूठ आरोप लगा रही है।जीविका बीपीएम मनीष कुमार ने बताया कि प्रखंड की करीब 80 % महिलायें जीविका दीदी समूह स जुडी है ।
ऐसी विषम परिस्थित में समूह से जुडी महिलाओं ने बताया कि कहीं भी दूसरा काम करने के लिए जीविका स्वतन्त्र हैं। क्योंकि समूह से जूङे रहने के लिए जीविका द्वारा उन्हें कोई वेतनमान भुगतान नहीं किया जाता है।
इस बाबत थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि महिला टेकरों एवं रेंजर दोनों का आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है जिसकी जांच आरंभ कर दी गई है।।
एसडीपीओ गुलशन कुमार ने बताया कि महिला टेकरों द्वारा कार्यालय में आवेदन दिया गया होगा ,जिसकी जानकरी फिलहाल नहीं है।
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