-समाहरणालय स्थित जिला अभिलेखागार शाखा में है 114 सालों का भूमि रिकाॅर्ड
-अग्नि से सुरक्षा की व्यवस्था नहीं रहने से कभी भी हो सकता है बड़ा नुकसान
-जिला प्रशासन और अग्निशमन विभाग नहीं दे रहा ध्यान
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले भर के अभिलेखों को संयोग कर रखने वाला जिला अभिलेखागार खुद असुरक्षित है।
जिले के खतियानों व बीटी एक्ट- 103 और 106 का रिकाॅर्ड यहां पिछले 114 सालों से रखा हुआ है, जिससे आम नागरिकों को उनके जमीन का लेखा-जोखा पता चलता है। इसमें नया और पुराना दोनों खतियानों का रिकाॅर्ड वर्ष 1910 से उपलब्ध है। ऐसे में इस अभिलेखागार की सुरक्षा जिला प्रशासन और अग्निशमन विभाग के जिम्मे है। लेकिन यहां कागजातों की सुरक्षा पर किसी ने गम्भीरता से ध्यान नहीं दिया।
अभिलेखागार को सबसे अधिक अगलगी की अनहोेनी का बना हुआ हैै, जिसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। समाहरणाय स्थित इस अभिलेखागार में अग्नि से बचाव का जो भी संसाधन है, वह बेकार हो चुका है। यहां दशकों से लगा खराब फायर एक्सटिंगषर और फायर बाल्टी विभाग की शोभा बढ़ा रही है या यूं कहिए प्रशासन का मुंह चिढ़ा रही है।
बताया जाता है कि विभाग में खराब फायर एक्सटिंगषर और फायर बाल्टी को बदलने के लिए पूर्व में जिलाधिकारी को लिखा जा चुका है, बावजूद इस पर कोई गम्भीरता नहीं दिखाई गई।
जिले भर के नया-पुराना खतियानों को संयोग कर रखे जाने वाला अभिलेखागार अगलगी से बचाव के लिए संसाधन विहिन है।
प्रधान लिपिक अनिल महाराज बताते हैं कि अभिलेखों की सुरक्षा को लेकर सभी नया व पुराने खतियानों का स्कैनिंग कराया जा चुका है, परंतु अभिलेख 103 व 106 का स्कैनिंग कार्य अभी जारी है।
उन्होंने बताया कि करीब एक साल पूर्व जिलाधिकारी को अग्नि सुरक्षा को लेकर लिखा जा चुका है। उन्होंने बताया कि यहां वर्ष 1910 से जिले भर के खतियानों का रिकाॅर्ड रखा हुआ है, जो जरूरतमंद लोगों को विभागीय नियमानुसार उपलब्ध कराया जाता है।
बता दें कि जिला अभिलेखागार के नये पदाधिकारी डाॅ राजकुमार सिन्हा दो दिनों पूर्व पदभार ग्रहण किया है, जिससे उनको अभी विभाग की दशा की पूर्ण जानकारी नहीं है। फिलवक्त जिले के रिकाॅर्ड को संयोगने वाला इस विभाग को आग से बचाव के प्रति प्रशासन की उदासीनता कभी भी बड़ी नुकसान को दावत दे सकती है।
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