शिशु चिकित्सक के इंतजार में लाखों रुपये मूल्य का सामान अनुमंडलीय अस्पताल स्थित पीकू वार्ड में फांक रहा धूल

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शिशु चिकित्सक के इंतजार में लाखों रुपये मूल्य का सामान अनुमंडलीय अस्पताल स्थित पीकू वार्ड में फांक रहा धूल


विप्र.
विकाश सोलंकी की रिपोर्ट रजौली 

रजौली (नवादा) गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए लगभग तीन वर्ष पूर्व रजौली अनुमंडलीय अस्पताल में बिहार सरकार के द्वारा बच्चों को बेहतर इलाज के लिए पीकू वार्ड की स्थापना किया गया है।ताकि गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए पीड़ित बच्चों के परिजन को इलाज के लिए बाहर नही जाना पड़े।जिसको लेकर बिहार सरकार ने रजौली अनुमंडलीय अस्पताल में 6 शैय्या वाली पीकू वार्ड बनाया और सभी अत्याधुनिक मशीन भी लगाई गई।लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण अनुमंडलीय अस्पताल स्थित पीकू वार्ड को अब खुद इलाज के जरूरत है।क्योंकि शिशु रोग विशेषज्ञ नही रहने के कारण पीकू वार्ड में इलाज के लिए बच्चे भर्ती नही हो रहे हैं।जिससे पीकू वार्ड में लगी मशीने बंद है।वार्ड में लगी मशीनों का उपयोग नही होने से मशीनों को खराब होने का डर सता रहा है।सरकार बदली लेकिन अनुमंडलीय अस्पताल स्थित पीकू वार्ड की स्थिति जस का तस बना हुआ है।वैसे स्थिति में पीकू वार्ड सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रहा है और लाखों रुपये मूल्य की मशीनें धूल फांक रही है।





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कहते हैं,ग्रामीण


रजौली थानाक्षेत्र के बौढीकला निवासी रामरतन गिरी ने कहा कि सरकार को पीकू वार्ड को संचालित करने के लिए गंभीर होंना चाहिए था।क्योंकि जब पीकू वार्ड बना था तो उस समय ग्रामीणों को बड़ी उम्मीद थी कि अब बच्चों के इलाज के लिए बाहर नही जाना पड़ेगा।लेकिन बंद रहने के स्थिति में ग्रामीण इलाज के लिए बाहर का रुख कर रहे हैं।

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रजौली निवासी गौरव कुमार कहते हैं कि पीकू वार्ड में लाखों रुपया खर्च किया गया।ताकि आसपास के पीड़ित बच्चों को मुफ्त में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके लेकिन शिशु रोग विशेषज्ञ नही रहने की स्थिति में मशीनें धूल फांक रही है।और ग्रामीणों को अपने बच्चों को इलाज के लिए पटना या राँची जाना पड़ रहा है जहाँ उनसे मोटी रकम वसूली जाती है।

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रजौली उत्तरी जिला परिषद सदस्य इंद्रदेव राम ने कहा कि  पीकू वार्ड बंद है इसकी जानकारी हमलोगों को नही थी।हमलोग भी अपने स्तर से जिलाधिकारी से बात कर जल्द से जल्द शिशु रोग विशेषज्ञ की तैनाती पीकू वार्ड में हो इसके लिए आग्रह करेंगे ताकि बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।

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इस संबंध में रजौली अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि कई बार हमलोगों ने विभाग से शिशु रोग विशेषज्ञ की माँग की है।लेकिन अभीतक नही मिला है।

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