जमीन रजिस्ट्री का नया नियम लागू,राजस्व पर पड़ेगा असर

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जमीन रजिस्ट्री का नया नियम लागू,राजस्व पर पड़ेगा असर


विप्र.

- भूमि विवाद को कम करने के लिए लागू किया गया नया नियम

- भू-माफियाओं व दलालों की नहीं कटेगी चांदी

- नियम लागू होने के बाद जिसके नाम से होगी जमाबंदी वही कर सकेगा बिक्री

नवादा(रवीन्द्र नाथ भैया) अब जमीन बेचना आसान नहीं रहेगा, जिनके नाम की होगी जमाबंदी वही जमीन बिक्री कर सकेगा या निबंधन करा सकेगा। यह आदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर गुरूवार से पूरे बिहार में लागू कर दिया गया है। 

हालांकि नवादा में विभाग को पत्र मिलने के बाद शुक्रवार से इस नियम को पूर्ण रूपेण लागू कर दिये जाने से राजस्व पर असर पड़ गया है। निबंधन विभाग में जहां प्रतिदिन करीब 50 से अधिक निबंधन हुआ करता था, वहीं शुक्रवार को नया नियम लागू होते ही इसकी संख्या आधा हो गई है।

जिला निबंधन पदाधिकारी निलेश कुमार ने बताया कि राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी कायम होगी, अब सिर्फ वही उस संपत्ति की बिक्री या पुनः निबंधन करा सकेंगे। निबंधन कार्यालयों को जमाबंदी कायम होने का साक्ष्य देने पर ही आवेदक को संबंधित संपत्ति को बेचने की अनुमति मिलेगी। उन्होंने कहा कि जमीन विवाद के बढ़ते मामलों से निबटने को लेकर हाइकोर्ट के आदेश पर निबंधन विभाग ने यह नियम गुरुवार से ही लागू कर दिया है। इसको लेकर जिले के डीएम और अवर निबंधक को पत्र मिलते ही इसे लागू कर दिया गया है।

फ्लैट और अपार्टमेंट की बिक्री के लिए जमाबंदी से जुड़ा आदेश लागू नहीं होगा। विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यदि कोई दस्तावेज ऐसी संपत्ति की बिक्री या दान से संबंधित हो, जिसके विक्रेता या दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने का उल्लेख दस्तावेज में नहीं हो और विक्रेता-दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने से सम्बंधित कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया हो, तो उनके रजिस्ट्री दस्तावेज कोई अस्वीकृत कर दिया जायगा। 

शहरी क्षेत्र में खरीद-बिक्री के लिए विक्रेता या दानकर्ता के नाम से होल्डिंग कायम होने का उल्लेख दस्तावेज में होना अनिवार्य होगा या उनको इससे सम्बंधित साक्ष्य देना होगा। 

उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गयी है तो उनकी मृत्यु से संबंधित प्रमाण पत्र का साक्ष्य लगाने और उनका वारिस निर्धारित होने पर ही संबंधित व्यक्ति के नाम से कायम जमाबंदी दस्तावेज की रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि यह कानून वर्ष 2019 में ही पारित हो गया था, जिसे गुरूवार को विभाग ने लागू कर दिया है। 

उन्होंने बताया कि इस कानून के लागू होने से एक दिन पूर्व तक करीब 50 से अधिक दस्तावेज आते थे, लेकिन इस नियम के लागू होने से इसकी संख्या शुक्रवार को घटकर 24 हो गई है। उन्होंने बताया कि इस कानून के लागू होने से जहां राजस्व में कमी आयेगी, वहीं भूमि विवाद पर अंकुश लगेगा।

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