विप्र.नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया)
छह साल बाद भी साध्वियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी है जिसकी वजह से पीड़िता कोर्ट से लेकर पुलिस कार्यालय तक चक्कर लगा रही है।पटना हाइकोर्ट के आदेश का भी तामिला नवादा पुलिस नहीं कर पायी है।
इस संबंध में पीड़िता ने एक बार फिर जिले के एसपी अम्बरीश राहुल से मुलाकात कर आरोपियों की गिरफ्तारी की गुहार लगाई है। घटना जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविंदपुर के बहियारा गांव स्थित संत कुटीर आश्रम की है।
सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता साध्वियों ने एसपी से मुलाकात की और उनसे सामूहिक दुष्कर्म मामले में फरार चल रहे दो आरोपितों की गिरफ्तारी की गुहार लगाई है।
एसपी से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंची साध्वियों के मुताबिक इस मामले में आरोपित कल्याण चौधरी व गिरिजा शंकर चौधरी पिछले छह वर्षों से फरार चल रहे हैं।
आरोपी भगोड़ा घोषित:-
बताते चलें कि दुष्कर्म पीड़िता में दो उत्तर प्रदेश की हैं और एक गया जिले की है। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर 2022 को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया था परंतु अब तक गिरफ्तार नहीं किये जा सके हैं।
पुलिस पर गंभीर आरोप:-
पीड़ित साध्वियों ने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर मामले में टाल मटोल कर रही है और पुलिस की आरोपित से मिली भगत के कारण सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।श्रइनकी मानें तो उनलोगों को आरोपितों से जान मारने की धमकी मिल रही है।
12 दिसंबर 2017 की है घटना:-
घटना 12 दिसंबर 2017 की है। गोविंदपुर प्रखंड के बहियारा गांव स्थित संत कुटीर आश्रम की बताई जाती है । आरोप है कि तीन साध्वियों के साथ आश्रम के सेवादारों ने दुष्कर्म किया। साध्वियों के बयान पर इस मामले की प्राथमिकी 4 जनवरी 2018 को गोविंदपुर थाने में दर्ज करायी गई। इस मामले में 10 लोग आरोपित है इनमें पांच नामजद व पांच अज्ञात है।
10 जनवरी 2018 को सदर अस्पताल में तीनों पीड़िता की मेडिकल जांच करायी गई । जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि हुई थी।
तत्कालीन एसपी विकाश वर्मन द्वारा अप्रैल 2018 में गोविंदपुर पुलिस को सभी आरोपितों की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था। पूर्व में भी यह आश्रम सुर्खियों में आया था।
वर्ष 2011 में यह आश्रम जिले के अकबरपुर के पिथौरी गांव में संचालन किया जा रहा था और उस वक़्त भी एक महिला से दुष्कर्म का मामला सामने आया था। उसी साल इस आश्रम को गोविंदपुर में शिफ्ट कर दिया गया था ।
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