विप्र.कौआकोल। प्रखण्ड के जेपी आश्रम परिसर में कृषि विज्ञान केंद्र,नवादा एवं नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित परियोजना "कृषि गतिविधियों में ड्रोन तकनीक का उपयोग" कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला के रजौली प्रखण्ड के चयनित ग्राम बहादुरपुर से किसानों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र नवादा के कृषि तकनीकी सहायक रोहित कुमार के द्वारा कृषि में ड्रोन का महत्व विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई। उपस्थित प्रशिक्षुओं को कृषि ड्रोन परियोजना के मुख्य पहलू जैसे-ड्रोन द्वारा पोषक तत्व एवं कीटनाशक तत्वों के छिड़काव करने के तरीकें एवं इसके लाभ,सावधानियां,उत्पादन और उत्पाद के गुणवत्ता पर प्रभाव के आकलन से संबंधित जानकारियां किसानों को दी गई। किसानों के प्रक्षेत्र पर ड्रोन के द्वारा नैनो यूरिया के छिड़काव से गेहूं के पौधों और उसके उत्पादन पर अनुकूल एवं प्रतिकूल प्रभाव से संबधित जानकारी भी किसानों से ली गई। साथ ही छिड़काव से संबंधित उनकी प्रतिक्रिया भी ली गई। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि ड्रोन की मदद से नैनो यूरिया को आसानी से छिड़काव कर सकेंगे,जिससे श्रम और लागत दोनों की बचत होगी। कृषि ड्रोन की मदद से एक एकड़ भूमि पर 7 से 10 मिनट में आसानी से कीटनाशक व पोषक तत्व का छिड़काव किया जा सकेगा। ड्रोन तकनीक के प्रयोग से देश के कृषि क्षेत्र में आधुनिकरण आएगा और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी,साथ ही मृदा स्वास्थ्य बरकरार रहेगा।
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