नवादा(रवीन्द्र नाथ भैया ) जिले के उग्रवाद प्रभावित रोह प्रखंड के डुमरी गांव में जिले के गोविंदपुर पुलिस द्वारा शुक्रवार को किए गए आमानवीय घटना के बाद मंगलवार को भाजपा ज़िलाध्यक्ष अनिल मेहता डुमरी गांव जाकर वहां हुए बर्बरता को देखा। उन्होंने कहा कि यहां पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण व्यवहार करते हुए 70-80 साल महिलाओं को घर में घुस कर पीटा गया। यह बिहार के मुख्यमंत्री के महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है।
उन्होंने कहा की बालू माफियाओं और सत्ताधारी पार्टी के लोगों के इशारे पर यह जो अमानवीय घटना की गई है, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और इसके खिलाफ सड़क से लेकर उच्च पदाधिकारियों तक लड़ाई मैं और मेरी पार्टी लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस रक्षक है या भक्षक, इस तरह से सैकड़ों घरों का दरवाज़ा तोड़कर महिलाओं और बच्चियों की पिटाई की गई तथा घर के सामानों को तोड़-फोड़ किया गया, यह किस प्रकार का व्यवहार है, जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया है।
उन्होंने कहा कि यही है बिहार के सुशासन बाबू की सरकार और दलित-अतिपिछड़ों की सरकार। जिलाध्यक्ष श्री मेहता ने नवादा एसपी से मांग किया है कि उनकी पुलिस निर्दाेष ग्रामीणों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार ना करें और इस घटना की जांच कर दोषी पुलिस तथा बालू माफियाओं के ख़िलाफ़ कारवाई करें।
मौक़े पर ज़िला प्रवक्ता कुंदन कुमार प्रभाकर, युवा मोर्चा ज़िलाध्यक्ष अभिजीत कुमार सिन्हा, कार्यालय प्रभारी मुकेश कुमार, संजय कुमार संजू, अजय कुमार वर्मा तथा मनदीप कुमार सहित पीड़ित ग्रामवासी मौजूद थे।
क्या है पूरा मामला, कैसे हुई कार्रवाई:-
घटना को लेकर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार गोविंदपुर थाना क्षेत्र के डुमरी गांव में बालू उठाव का विरोध कर रहे ग्रामीणों को शांत कराने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। हमला में गोविंदपुर थानाध्यक्ष राजीव कुमार पटेल सहित तीन पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 47 लोगों को नामजद तथा दो सौ अज्ञात महिला व पुरूषों को अभियुक्त बनाया है।
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