21 माह बाद भी गवनारोपी बैंक प्रबंधक व बिचौलिए की पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तारी

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21 माह बाद भी गवनारोपी बैंक प्रबंधक व बिचौलिए की पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तारी

- 40 लाख रुपये गवन मामले में 06 माह पूर्व उच्च न्यायालय अग्रिम जमानत कर चुकी है खारिज


नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया)
कहते हैं पुलिस का डंडा सिर्फ गरीबों व पत्रकारों के लिए है। रसूखदारों की गिरफ्तारी के बजाय उनकी खातिरदारी करना पुलिस का शगल है। तभी तो 40 लाख रुपये गवन के अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बजाय उन्हें पुलिस संरक्षण दे रही है जबकि 06 माह पूर्व उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। मामला नगर थाना कांड संख्या 461/22 का बताया जाता है। 

क्या है मामला:- जिले के नरहट थाना क्षेत्र के बदलपुर गांव की मिश्रा देवी के पति स्व. बिरेन्द्र कुमार जो झारखंड राज्य के कोडरमा उच्च विद्यालय में लिपीक के पद पर कार्यरत थे मौत 15/05/19 को हो गयी थी। मृत्यु के पश्चात उनके नवादा कृषि विकास भारतीय स्टेट बैंक शाखा खाता संख्या 38478019201 में 68 लाख रुपये व दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक खाता संख्या 756601002158 में 16 लाख रुपये की राशि विभाग ने भेजी थी। उक्त राशि में से पीड़ित के रिश्ते के चचेरे दामाद उग्रवाद प्रभावित रोह थाना क्षेत्र के रतोई गांव के अनिल कुमार के पुत्र राहुल कुमार ने भारतीय स्टेट बैंक एडीबी शाखा प्रबंधक जितेन्द्र कुमार की मिलीभगत से अलग अलग तिथियों में अपने व अपने मकान मालिक के खाते में 40 लाख रुपये हस्तांतरित करा लिया। जानकारी मिलने पर शाखा प्रबंधक व आरोपी से पूछताछ के बाद राशि वापस करने का आश्वासन दिया जाता रहा लेकिन राशि वापस नहीं की गयी। 

दर्ज करायी प्राथमिकी:- तीन पुत्री की परेशान मां पीड़िता मिन्ता ने नगर थाने में प्रबंधक व राहुल पर 40 रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करायी। थानाध्यक्ष ने कांड संख्या 462/22 दर्ज कर अपने कर्तव्य की गति श्री कर ली। प्राथमिकी दर्ज के करीब 21 माह बाद भी प्रबंधक अपनी ड्यूटी कर आराम से कर रहे हैं तो राहुल प्राथमिकी वापस लेने का दबाव बना रहा है। 

अधिकारी नहीं ले रहे संज्ञान:- ऐसी भी बात नहीं है कि पीड़िता चुप बैठी है। आरक्षी अधीक्षक से लेकर पुलिस महानिदेशक तक कई बार गुहार लगा चुकी है लेकिन कोई संज्ञान तक नहीं ले रहा है। ऐसे में तीन पुत्रियों का पालन- पोषण व शादी- विवाह उसके लिए पहाड़ साबित हो रहा है। 

अग्रिम जमानत हो चुकी है खारिज:- इस क्रम में राहुल द्वारा उच्च न्यायालय में दायर अग्रिम जमानत याचिका सात माह पूर्व 20/06/2023 को खारिज की जा चुकी है बावजूद पुलिस गिरफ्तार करने से परहेज कर रही है। ऐसे में अपराध व अपराधियों का मनोबल दिनों दिन बढ़ता जा रहा है तो दिन दहाड़े हत्या का सिलसिला चल पड़ा है। फिर पुलिस की कार्यशैली पर अगर सवाल उठता है तो पुलिस निर्दोषों को तंग करने से बाज नहीं आती। गोवीन्दपुर डुमरी में 12 जनवरी की रात पुलिसिया तांडव इसका ज्वलंत उदाहरण है। उक्त मामले में रजौली एसडीपीओ व पुलिस अधीक्षक के अलग अलग बयान व खनन तथा थानाध्यक्ष द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी ही सबकुछ स्पष्ट कर रही है कि पुलिस का दामन दागदार है।





















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