नई रेलवे लाईन निर्माण संघर्ष मोर्चा कि ओर से दीवाल लेखन का कार्यक्रम हुआ प्रारंभ - New Rail Line

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नई रेलवे लाईन निर्माण संघर्ष मोर्चा कि ओर से दीवाल लेखन का कार्यक्रम हुआ प्रारंभ - New Rail Line


विप्र।संवाददाता

इमामगंज (गया) नई रेलवे लाईन संघर्ष मोर्चा के द्वारा पिछले बैठक में लिए गए निर्णय को धरातल पर उतारते हुए दीवाल लेखन का कार्य प्रारंभ किया गया।इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में रेलवे लाइन मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो गया है। अब क्षेत्र में जगह-जगह पर दीवारों पर पेंट से लेखनी कर यह संदेश दिया जा रहा है कि रेल हमारा अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे।क्षेत्र में रेलवे लाईन का निर्माण जल्द हो जल्द हो जैसे अन्य स्लोगन के साथ दीवार लेखन का कार्य शुरू किया गया है।वहीं इस संबंध में मोर्चा के पदाधिकारी ने बताया कि पिछले तीन और सतरह दिसम्बर को हुई बैठक में कइ प्रस्ताव पारित हुआ था। इस बैठक में दो टीम बनाई गई थी। जिसमे संगठन के वरीय पदाधिकारी एवं सदस्यगण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री से मुलाकात करते हुए नई रेलवे लाइन (गया डालटेनगंज) पर जल्द कार्य प्रारंभ कराने के लिए निर्णय लिए गए थे। इसी सिलसिले में संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष बिगन पासवान और प्रखंड अध्यक्ष दीपक रावत बीस दिसम्बर को रवाना हो गए। वही दूसरी टीम में संगठन के पदाधिकारी जिसमें छकरबंधा पंचायत के मुखिया श्यामसुंदर प्रसाद गुप्ता, मोहम्मद शाहनवाज, संगठन के युवा केंद्रीय अध्यक्ष सुशांत कुमार, शंभू पहाड़िया सामिल है। इन सबों के द्वारा गुरुवार से दीवाल लेखन का कार्य प्रारंभ किया गया। दीवाल लेखन में तुम मुझे रेल दो, मैं तुम्हे वोट दूंगा, इस क्षेत्र की मजबूरी है, रेलवे लाईन जरुरी है, रेल नही तो वोट नहीं की नारा लिखा जा रहा है। 


वहीं नई रेलवे लाइन मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारी सह केंद्रीय प्रवक्ता श्रीमोहन यादव ने बताया कि इस क्षेत्र के लिए रेल लाइन निर्माण होना अति आवश्यक है। कई वर्षों से हम लोग नई रेलवे लाइन संघर्ष मोर्चा के बैनर तले धरना, प्रदर्शन, बैठक आदि कर रहे है। इस क्षेत्र के लोगो में नई रेलवे लाइन निर्माण को लेकर जागृति आ गई है। अब यह लड़ाई आर पार की हो गई है। अब इस क्षेत्र में रेल लाइन निर्माण होने की घोषणा पर ही आगामी लोकसभा की चुनाव में क्षेत्र के लोग वोट करेंगे। अगर रेल लाइन निर्माण की दिशा में अगर कोई ठोस कदम रेलवे मंत्रालय के द्वारा नहीं उठाया जाता है। तब इस क्षेत्र के लोग वोट बहिष्कार करने का निर्णय जरूर लेंगे। अब देखना दिलचस्प हो गया है कि क्या लोकसभा चुनाव के पहले रेलवे मंत्रालय के द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है।उस निर्णय पर ही सभी की निगाहे टिकी हुई है।

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