लाभ- शुभ के चक्कर में फंसा रहता है दाखिल खारिज का मामला

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लाभ- शुभ के चक्कर में फंसा रहता है दाखिल खारिज का मामला


विप्र.
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) सरकार लाख नये नये कानून बनाकर आम लोगों को राहत दिलाने का प्रयास करे लेकिन सरकारी मुलाजिमों के सामने किसी की नहीं चलती। चले भी कैसे ? भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी है कि उसे कानून बनाकर उखाड़ पाना सरकार के लिये असंभव है। कुछ इसी प्रकार की स्थिति भूमि दाखिल खारिज की है। 

सरकार ने किसानों को राहत प्रदान करने के लिए भूमि दाखिल खारिज व लगान जमा करने के लिए आनलाइन व्यवस्था कर समय सीमा निर्धारित कर रखी है। किसानों ने आनलाइन करना आरंभ भी कर दिया है लेकिन समय तो दूर लम्बे समय तक मामले को राजस्व कर्मचारियों द्वारा लाभ- शुभ के चक्कर में टाला जा रहा है। परिणाम है कि सरकारी राजस्व वसूली में बृद्धि के बजाय लगातार कमी आ रही है

ताजा मामला अकबरपुर अंचल का है। पांति पंचायत नया बाजार पांति की खुश्बू कुमारी पति मिथुन कुमार ने दस्तावेज संख्या 4520 दिनांक 09/06/23 को दिनांक 17 जून को आनलाइन दाखिल खारिज के लिये आवेदन दिया। अंचल अधिकारी ने 17 दिनों के बाद 04 जुलाई को समीक्षा के छह दिनों बाद 10 जुलाई को राजस्व कर्मचारी को हस्तांतरित कर दिया। 

नियमत: साठ दिनों के अंदर स्वीकृत या कारण बताते हुए अस्विकृत करना है। लेकिन लाभ- शुभ के चक्कर में साढ़े पांच माह की लम्बी अवधि समाप्त होने के बावजूद अबतक लम्बित पड़ा है। 

कुछ इसी प्रकार की स्थिति अकबरपुर बाजार नजारा मुहल्ले के शकील अनवर की है। वैसे इस प्रकार के कई मामले लम्बित पड़ा है। बावजूद अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा पा रहा है।

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