वारिसलीगंज में वियाडा की भूमि पर सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना पर जनआंदोलन शुरू CEMENT

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वारिसलीगंज में वियाडा की भूमि पर सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना पर जनआंदोलन शुरू CEMENT


विप्र.
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) 

जिले के वारिसलीगंज चीनी मिल की भूमि (अब बियाडा की भूमि) पर अडानी ग्रुप का प्रस्तावित अंबुजा डोलेमेंट का यूनिट निर्माण की खबर स्थानीय लोगों को रास नहीं आ रही है। क्षेत्र के लोगों ने इलेक्ट्रोनिक प्रदूषण को लेकर जनांदोलन शुरू कर दिया है। 

शुक्रवार को औद्योगिक क्षेत्र के मेन गेट पर इलाके के नवयुवकों और बुद्धिजीवियों ने हड़ताल कर प्रदर्शन किया। धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि घुटनों के बीच की आबादी के बीच सूखी घास का सामान आम लोगों के जान से खेलने के समान है। कहा गया है कि किसी भी हाल में चीनी मिल की जमीन पर सूखी घास का उपयोग नहीं किया जाएगा। 

हड़ताल का नेतृत्व खानापुर ग्रामीण गणेश सिंह ने किया। संगीतकार  युवा सुरेश पांडे, रतन कुमार, नितीश कुमार, मनीष कुमार, कंचन सिंह, चंदन कुमार, सावंत कुमार, कोटा सिंह, विजय कुमार, दीपक कुमार, सीता राम, जागेश्वर महतो, सिंटू कुमार, निरंजन कुमार, अलेक्जेंडर कुमार शामिल रहे।

औद्योगिक क्षेत्र के चारों ओर आबादी है:-

तीन दशक से बंद चीनी मिल के पुनः चालू होने की स्थिति में बिहार सरकार बियाडा को फिर से शुरू नहीं कर पाई। अब वह लैंड अडानी ग्रुप को वैलिड सीमलेस इंस्टॉल करने के लिए नीचे दी गई बात सामने आई है। जिसके बाद कहीं विरोध तो कहीं पक्ष की बात चल रही है।

प्रस्तावित सूची के अनुसार एक सौ गज की दूरी पर खंड, क्षेत्रीय व नगर परिषद कार्यालय, थाना व आम लोगों का निवास स्थान है। वही उत्तर जर्नल के बगल से ही घुटने की आबादी की शुरुआत होती है। तो पूरब में खानापुर, मालीचक, कोरमा, चैनपुरा सहित आधा गरीब गांव स्थित है। हाल के दिनों में क्रीड़ा के एक बहुप्रतीक्षित फिल्म निर्माता की फिल्म की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिससे चीनी मिलों की समस्या-गिरजाघर रहने वाले लोग वैलिडिटी से उड़ने वाले कूड़े-कचरे के कारण पैदा हुए स्वास्थ्य को लेकर खासे डरे सहमे हुए हैं।

एक कमरे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक हुई:-

वाइडा के द्वारा चीनी मिल की जमीन लीज पर बाद में बाद में कठिनाई का उपयोग करने की चर्चा कुछ महीने पहले से ही शुरू हो गई थी। सारी प्रक्रिया पूरी होने के करीब एक महीने पहले सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों के साथ आम लोगों की बैठक तय की गई थी। बैठक की जानकारी बाद में बड़ी संख्या में लोग उक्त स्थान पर थे। परन्तु सभा एक कमरे में आयोजित की गई, जहां कुछ लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। जिस कारण अधिकांश क्षेत्रवासी बिना बैठक में भाग लिये ही वापस हो गये थे। 

शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों पर आरोप लगाया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा खुली जगह में बैठक की गई थी। क्षेत्रवासी अपने पद से अधिकारी को अवगत कराते हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन और बियाडा के अधिकारियों की मिली भगत से कम से कम लोग। इसलिए एक कक्षीय बैठक आयोजित की गई थी। हड़ताल के बाद लोगो ने कहा कि जनांदोलन की शुरुआत हो चुकी है। बिहार सरकार, बियाडा और अडानी समूह के अधिकारियों से विरिसलीगंज के ओधोगिक क्षेत्र के 72 एकड़ भूमि पर किसी भी कृषि आधारित उद्योग या फिर शेष अन्य उद्योगों की मांग की गई है।

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