सड़क दुर्घटना के घायलों को कैशलेस इलाज की सुविधा देगी सरकार, 4 महीने में पूरे देश में लागू

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सड़क दुर्घटना के घायलों को कैशलेस इलाज की सुविधा देगी सरकार, 4 महीने में पूरे देश में लागू


विप्र.

सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें सिर्फ इलाज में होने वाली देरी के चलते होती है. इस गंभीर विषय पर ध्यान देते हुए सरकार जल्द सड़क दुर्घटना के मामलों में मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने जा रही है. ताकि घायलों को आसपास जल्द से जल्द नि:शुल्क इलाज मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके. इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव पहले ही कर दिया गया था. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 4.46 लाख सड़क हादसे हुए जिनमें 4.23 लाख लोग घायल हुए और 1.71 लाख लोगों की मौत हो गई. 

4 महीने में मिलने लगेगी सुविधा 

सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय जल्द इस संबंध में एलान कर सकता है. आने वाले 4 महीनों में यह सुविधा पूरे देश में लागू कर दी जाएगी. मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि रोड एक्सीडेंट की वजह से सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. निशुल्क और कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट का नियम मोटर व्हीकल एक्ट में शामिल है. इस नियम का पालन कुछ राज्यों में किया जा रहा है. मगर, अब इसे पूरे देश में लागू करने का समय आ गया है. इसलिए हमने स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय से अपील की है कि कैशलेस इलाज का सिस्टम पूरे देश लागू करवाएं.   

गोल्डन आवर में कहीं भी करा सकेंगे इलाज 

मोटर व्हीकल एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, दुर्घटना में घायलों का इलाज तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल में होना चाहिए. यदि दुर्घटना के पहले कुछ घंटों में इलाज उपलब्ध हो जाए तो हम कई जानें बचाने में सफल हो जाएंगे. दुर्घटना के बाद के शुरुआती कुछ घंटे गोल्डन आवर कहलाते हैं. यदि उस समय डॉक्टर के पास घायल को पहुंचा दिया जाए तो उसे तुरंत इलाज मिलने लगेगा और जान बचने की उम्मीद बढ़ जाएगी. 

स्कूल और कॉलेजों में लागू होगा रोड सेफ्टी कोर्स

रोड सेफ्टी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार इस कोर्स को स्कूल और कॉलेजों में लागू करने जा रही है. साथ ही भारत एनकैप को भी लागू किया जा रहा है. इसमें सीट बेल्ट रिमाइंडर और गाड़ियों में तकनीकी बदलाव शामिल हैं. 

4 लाख से ज्यादा हादसे, 4.23 लाख घायल, 1.71 लाख लोगों की मौत

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक, साल 2022 में 4,46,768 सड़क हादसे हुए. इनमें 4,23,158 लोग घायल हुए और 1,71,100 लोगों की मौत हो गई. कुल सड़क हादसों में 45.5 फीसदी दोपहिया वाहनों के हुए हैं. इसके बाद कार से होने वाले सड़क हादसों का हिस्सा 14.1 फीसदी रहा. इसमें ओवर स्पीडिंग की वजह से सबसे ज्यादा हादसे हुए और 1 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई. रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसे गांवों में ज्यादा हुए हैं.

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