ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम के प्रवेश द्वार बनाने में एनएचएआई कर रहा है कोताही, आंदोलन की चेतावनी

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ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम के प्रवेश द्वार बनाने में एनएचएआई कर रहा है कोताही, आंदोलन की चेतावनी





विप्र.
प्रभात कुमार मिश्रा, गया।

बिहार में सरकारी अधिकारियों के द्वारा आमजनों के समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देने के बाबजूद साल भर में भी आश्वासन लंबित रहना आम बात हो गई है। इसका जीता जागता उदाहरण  बेलागंज प्रखंड के ऐतिहासिक धरोहर नेयामतपुर आश्रम से जुड़ा हुआ है। जिस ऐतिहासिक स्थल से देश के आजादी की लड़ाई लड़ी गई। जमींदारी उन्मूलन अभियान के दौरान जमींदारों के खिलाफ रणनीति बनाने का केंद्र बिंदु रहा था। उक्त ऐतिहासिक आश्रम में डॉ अंबेडकर, जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस जैसे देश के बड़े बड़े दिग्गज नेताओं ने जनसभा को संबोधित किया था। आज उसी आश्रम के  प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए नौकरशाहों के आगे लोगों को दया की भीख मांगनी पड़ रही है। मामला जिले के बेलागंज प्रखंड मुख्यालय से दो किलोमीटर दक्षिण स्थापित नेतामतपुर आश्रम का है। गया पटना राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तारीकरण के दौरान एनएचएआई द्वारा ग्रामीणों और आश्रम समिति के लोगों को बिना किसी सूचना के ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम का निर्माणाधीन प्रवेश द्वार को तोड़ दिया गया था। 

जब इस मामले में स्थानीय समाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने हस्तक्षेप किया तो एनएचएआई के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अन्य स्थानों के तरह उक्त आश्रम के ऐतिहासिकता को मद्देनजर रखते हुए प्रवेश द्वार का निर्माण करा दिया जायेगा। मगर अबतक प्रवेश द्वार के तोड़े जाने के दो साल बीत जाने के बाद भी निर्माण नहीं कराया गया है। जब एनएचएआई के परियोजना निदेशक गुलाम कादिर से इस संबंध पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के सदस्यों ने संपर्क किया तो आश्वासन दिया गया कि स्थल निरीक्षण और विभागीय प्रकिया के पूरा होते ही प्रवेश द्वार का निर्माण करा दिया जायेगा। कुछ दिन इंतजार करने बाद जिलाधिकारी और प्रोजेक्ट डाइरेक्टर को ट्रस्ट के अध्यक्ष रविशंकर कुमार ने साल 2022 के सितंबर माह में इसके निर्माण को लेकर पत्र लिखा गया। उसके बाद बीते अप्रैल महिने मे विभिन्न मांगों को लेकर ट्रस्ट का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से उनके कार्यालय मे मिलकर भी इसके निर्माण की मांग दुहराया था लेकिन आश्वासन के पिटारे में मामला धूल फांक रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष रविशंकर ने बताया कि पीडी गुलाम कादिर ने मेरे मोबाइल नंबर को जिलाधिकारी के पास इसके लिए गुहार लगाने से नाराज होकर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। स्थानीय बीडीओ और सीओ खुद प्रोजेक्ट डाइरेक्टर से प्रवेश द्वार के निर्माण को लेकर बातचीत कर चुके हैं। बावजूद इसके पीडी ने इस ऐतिहासिक महत्त्व वाले स्थल के मामले को गंभीरता से नहीं लिया। ट्रस्ट के अध्यक्ष ने पुनः जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इसके जल्द निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा इस माह के अंत तक अगर निर्माण शरू नहीं हुआ तो दिसम्बर में एक बार पुनः आंदोलन की शुरूआत होगी।

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