विप्र.रजौली से विकाश सोलंकी की रिपोर्ट
-वाटर टैंक की सफाई के दौरान केमिकल का अत्यधिक रिसाव के कारण दम घुटने से हुई मौत
-इलसन मोल्डिंग कंपनी बैटरी का कवर और बैटरी का पार्ट्स बनाता
रजौली (नवादा) बुधवार को थाना क्षेत्र के हरदिया पंचायत के कचहरियाडीह गाँव के दो सगे भाइयों की मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है। वहीं आसपास के लोग दो सगे भाइयों की मौत से स्तब्ध हैं।परिवार में दिव्यांग और अबोध बच्चों को पालने की जिम्मेदारी मृतक के कंधों पर था,लेकिन दोनों कमाऊ पुत्र के खोने के गम में माँ और पिता का आँखे रो रोकर पथरा गई है उनके करुण कन्द्रन से हर आने जाने वालों के आँखों मे आँसू है।मृतक कचहरियाडीह निवासी लालो राजवंशी के पुत्र चंदन राजवंशी और पिंटू राजवंशी है।मृतक की पत्नी सीमा देवी ने बताया कि बुधवार को लगभग 5 बजे मुझे मेरे जीजा जी फोन किये और बताये की चंदन औऱ पिंटू का मौत हो गया है फिर हमलोगों उनका फोन नंबर लगाए तो बात नही हो सका।फिर छोटा देवर भी फोन कर बताया कि भैया का मौत हो गया है।मौत की खबर सुनते ही गाँव मे मातमी सन्नाटा पसर गया है और परिजनों के करुण कन्द्रन से पूरा गाँव गमगीन हो गया। वहीं मौत की खबर से मृतक की पत्नी और माँ बारबार बेसुध हो रही है।
इलसन मोल्डिंग कंपनी में कार्यरत था दोनों भाई
परिजनों ने बताया कि दोनों भाई पिछले 15 सालों से बैंगलोर के बमसुन्दरा में बैटरी और उसके पार्ट्स को बनाने वाली कंपनी इलसन मोल्डिंग में कार्यरत था।टंकी की सफाई के दैरान अत्यधिक केमिकल का रिसाव होने के कारण हुई मौत है। मृतक के परिजन ने बताया कि इलसन मोल्डिंग कंपनी में 20 फ़ीट गहरा एक गढ्ढा है।जिसमे पानी और केमिकल का मिश्रण रहता है।जो मशीन के द्वारा बनाये गए बैटरी और उसके पार्ट्स को ठंढा करने के लिए उस पानी का उपयोग करता है।और उस टंकी की सफाई हर सप्ताह में होता है ताकि उसमे जो कचड़ा इकठा हो गया है उसे बाहर निकाल कर फिर से पानी और केमिकल मिलाया जाता है।उसी दौरान मृतक पिंटू राजवंशी टंकी की सफाई करने गया था लेकिन केमिकल का अत्यधिक रिसाव होने के कारण उसका दम घुटने लगा जिसके बाद पिंटू ने जोर जोर से आवाज लगाया तब उसका बड़ा भाई मृतक चंदन राजवंशी बचाने के लिए गया और उसी दौरान उसका दम घुटने लगा जिससे टंकी में ही दोनों भाई की मौत हो गया।
मृतक के परिजनों पर टूटा दुःखों का पहाड़
मृतक के पिता लालो राजवंशी ने रो रोकर बताया कि अब हमलोग किसके सहारा जियेंगे मेरा पाँच बेटा था,जिसमे चंदन और पिंटू ही सही था बाकी तीनो बेटा दिव्यांग है।पूरा परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य चंदन और पिंटू था।दोनों की मौत के बाद अब किसके सहारे जियेंगे अब कौन हमलोगों का भरण पोषण करेगा।
मृतक चंदन और पिंटू के अबोध बच्चों से उठा पिता का साया
परिजन बताते हैं कि मृतक चंदन का एक पुत्र पाँच वर्षीय पुत्र शिवम और एक 3 वर्षीय पुत्री सिमरन है वहीं मृतक पिंटू का एक दो वर्षीय पुत्र किरण है।
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