चोरी की घटना के उद्भेदन में असफल थानेदार ने अपार्टमेंट के मुंशी के ऊपर उतारा अपना गुस्सा, थाने में बुलाकर पीट पीटकर किया अधमरा - Chori ki Ghatna

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चोरी की घटना के उद्भेदन में असफल थानेदार ने अपार्टमेंट के मुंशी के ऊपर उतारा अपना गुस्सा, थाने में बुलाकर पीट पीटकर किया अधमरा - Chori ki Ghatna

प्रभात कुमार मिश्रा, गया।


गया पुलिस का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है। जहां चोरी की घटना के उद्भेदन में असफल एक थाना के थानेदार ने अपार्टमेंट के मुंशी को पहले पूछताछ के नाम पर थाना बुलाया और घटना की जानकारी और संलिप्तता से इंकार करने पर पीट पीटकर अधमरा कर दिया। जानकारी के एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद थानेदार ने मुंशी को छोड़ा, जिसे गंभीर स्थिति में मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना गया के चाकंद थाना का है। विगत 21 अक्तूबर को चाकंद थाना क्षेत्र के रसलपुर स्थित तेज टावर अपार्टमेंट के एक फ्लैट में अज्ञात चोरों द्वारा नगदी सहित लाखों की संपत्ति की चोरी कर ली गई थी। उक्त मामले ने पुलिस को एक सप्ताह बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। मामले के उद्भेदन को लेकर थानेदार के ऊपर अधिकारिक और पॉलिटिक्स दवाब बनाया जा रहा था। जिससे तंग आकर चाकंद थाना के थानेदार मोहन प्रसाद सिंह ने अपार्टमेंट के मुंशी पवन कुमार को पूछताछ के लिए थाना बुलाया। जहां मुंशी से पूछताछ किया गया। मगर मुंशी पवन कुमार ने इस मामले में अपनी संलिप्तता और जानकारी से इंकार करता रहा। जिसपर गुस्साए थानेदार ने मुंशी को जमकर पिटाई कर दी। जिससे अपार्टमेंट का मुंशी गंभीर रूप से जख्मी हो गया। मुंशी के पीठ, कमर, हाथ और शरीर के विभिन्न अंगों में गंभीर चोटें आई है।

बड़ी बात यह है कि उक्त निर्दोष मुंशी के रिहाई के लिए एसएसपी को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा। चाकंद थाना के थानेदार मोहन प्रसाद सिंह ने उक्त मुंशी को तब छोड़ा, जब एसएसपी का फोन गया। मुंशी परिजनों और तेज टावर के मालिक विकास कुमार के द्वारा मुंशी की पिटाई थाने में किए जाने की सूचना एसएसपी को दी गई थी। उन्होंने तुरंत चाकंद थानाध्यक्ष को फोन लगाया। जानकारी हासिल की तो पता लगा कि उसे चोरी के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। वही एसएसपी ने मारपीट की घटना के संबंध में जानकारी लेनी चाही तो थानाध्यक्ष ने इंकार कर दिया। इसके बाद गया एसएसपी आशीष भारती ने थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि यदि मुंशी दोषी है तो उसे जेल भेजे और नहीं है तो उसे तत्काल छोड़ा जाय। एक भी सबूत उसे खिलाफ हैं तो कार्रवाई की जा सकती है। किंतु बिना सबूत साक्ष्य के दनादन लाठियां से मारने वाले थानाध्यक्ष के पास कोई सबूत नहीं था और आखिरकार उन्हें अपार्टमेंट के मुंशी को छोड़ना पड़ा। जब मुंशी छूट कर बाहर आया तो उसकी स्थिति देख हर कोई दंग रह गया। अब उसे मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार विगत 21 अक्टूबर को रसलपुर स्थित तेज टावर अपार्टमेंट में सुनीता देवी और अन्य कुछ लोगों के फ्लैट में चोरी की घटना हो गई थी। सभी अपने फ्लैट को छोड़कर कहीं गए हुए थे। इस क्रम में बंद देख चोरों ने धावा बोला और चोरी की घटना कर ली। पुलिस चोरी की घटना के संबंध में कोई सुराग नहीं जुटा पा रही थी। ऐसे में मुंशी को ही बली का बकरा बनाना चाहा। हालांकि तेज टावर के मालिक विकास कुमार की तत्परता से निर्दोष मुंशी थाने से छूटा, लेकिन थानाध्यक्ष ने उसे एक तरह से अधमरा कर दिया था। अब इस मामले को लेकर विकास कुमार ने थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग गया एसएसपी से की है।

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