वजीरगंज प्रखंड के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा पूर्वक क़ी अक्षय नवमी पर आंवला वृक्ष क़ी पूजा - Akshay Navmi

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वजीरगंज प्रखंड के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा पूर्वक क़ी अक्षय नवमी पर आंवला वृक्ष क़ी पूजा - Akshay Navmi

- जीवन में अक्षय सुख शांति एवं समृद्धि के लिए श्रद्धालुओं ने किया भूआ दान


विप्र।संवाददाता

वजीरगंज (गया) प्रखंड के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मंगलवार को अक्षय नवमी का पर्व हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया गय़ा। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी  के दिन महिला श्रद्धालुओ ने आंवला पेड क़ी पूजा अर्चना क़ी एवं अपने जीवन में अक्षय सुख शांति एवं समृद्धि क़ी कामना क़ी एवं पुरोहितों क़ो भूआ  दान किया। साथ ही श्रद्धालुओ ने आंवला  वृक्ष के के नीचे भोजन बनाकर सपरिवार ग्रहण किया। वजीरगंज बाजार स्थित पैरू साव शिव मंदिर के युवा पुरोहित चंदन कुमार पाण्डेय एवं विशाल कुमार पाण्डेय ने बताया है क़ि  अक्षय नवमी  के पावन तिथि पर किया गया कोई भी धार्मिक कार्य जैसे दान, जप-तप, तर्पण, स्नानादि, व्रत, पूजन आदि करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा और व्रत करने का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति और असाध्य रोगों का भी नाश होता है, ऐसी  मान्यता है कि इस दिन आंवला की पूजा करने से न सिर्फ जीते जी बल्कि मृत्यु के बाद भी काम आता है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि तक भगवान विष्णु आंवला के वृक्ष में निवास करते हैं इसलिए इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। इस वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य,आरोग्य, संतान प्राप्ति और सुख वृद्धि की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आंवला भगवान विष्णु का प्रिय फल है।अक्षय नवमी का शास्त्रों में वही महत्व बताया गया है,जो वैशाख मास की तृतीया यानी अक्षय तृतीया का है।

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