श्रीबाबू के जमाने का विकसित बिहार बनाने के लिए कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी:-डॉ. अखिलेश

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श्रीबाबू के जमाने का विकसित बिहार बनाने के लिए कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी:-डॉ. अखिलेश


विप्र.
नवादा से रवीन्द्र नाथ भैया की रिपोर्ट 

नवादा जिले के आईटीआई मैदान में 5 नवंबर को आयोजित जन चेतना सम्मेलन सह परिवर्तन संकल्प रैली को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि हमारा प्रयास है कि बिहार में कांग्रेस पार्टी को 90 के दशक की स्थिति में लाने का। हम श्रीबाबू के जमाने की बात तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन आप सबों के सहयोग की जरूरत है। सहयोग मिला तो बिहार में कांग्रेस को नई ऊंचाइयों तक अवश्य ले जायेंगे। 

उन्होंने कहा कि श्री बाबू के सपनों का बिहार बनाना है।उन्होंने नए बिहार की जो नींव रखीं थी, उसे पूरा करना है। उन्होंने किसानों और मजदूरों के लिए काम किया था। जिसके कारण बिहार "द बेस्ट एडमिनिस्ट्रेशन इन द कंट्री" कहा जाता था।तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में ऐसी बातें कही थी। अब फिर से ऐसे बिहार बनाने की जरूरत है।बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डाॅ श्रीकृष्ण सिंह की जन्मस्थली है। स्वतंत्रता सेनानी चेतू राम की धरती है। मथुरा बाबू की धरती रही है। शत्रुध्ण शरण सिंह और उनकी पत्नी राजकुमारी देवी की कर्मभूमि रही है। आदित्य बाबू और गायत्री देवी सरीखे कई दिग्गज ने यहां के लोगों के बीच काम किया। इसलिए इस धरती को सिर झुकाकर प्रमाण करता हूं। 

श्रीबाबू की छत्रछाया में अनेक कांग्रेसी दिग्गज यहां से उभरे और बिहार की राजनीति पर अलग छाप छोड़ी।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के समय श्रीबाबू ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। लेकिन श्रीबाबू की जन्मस्थली में भाजपा का उदय होना चिंताजनक है।वारिसलीगंज में चीनी मील हुआ करता था। गया जिले में तीन चार चीनी मील, बिहटा में चीनी मील, गुरारू में चीनी मील था। नार्थ बिहार में भी चीनी मील का जाल था। तब श्रीबाबू के मुख्यमंत्रित्व काल में बिहार अकेला 27 प्रतिशत चीनी उत्पादन का काम करता था। आज अधिकतर चीनी मीलों से धुंआ निकलना बंद हो गया। यह सवाल नवादा के लोगों के बीच छोड़कर जाना चाहता हूं। श्री बाबू के माॅडल को अपनाकर ही बिहार विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा हो सकता है।अन्यथा, बिहार बीमारू राज्यों की संज्ञा से विभूषित होता रहेगा। बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा कराने के लिए नवादा के लोगों को आगे आना होगा।उन्होंने कहा कि नवादा कांग्रेस की परंपरागत भूमि रही है। आप कांग्रेस को आशीर्वाद देने का काम कीजिए। राहुल गांधी, मलिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में आनेवाले लोकसभा का चुनाव में कांग्रेस को मजबूत कीजिए। 

लालूजी, नीतीश जी, कांग्रेस पार्टी और वाम दलों का गठबंधन बना है। ऐसे में कोई भी सीट पर भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती है। ये मैं दावे के साथ नवादा की जनता को कहकर जाना चाहता हूं।डॉ. अखिलेश ने आगे कहा कि जिस प्रकार का कार्यक्रम नवादा कांग्रेस ने किया है उस तरह का कार्यक्रम बाकी जिले के कांग्रेस पार्टी के लोग करें, ताकि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का हाथ मजबूत हो सके।भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि धर्म, जाति के नाम भाई भाई को लड़ाने की कोशिश की जाती है।ऐसी राजनीत बंद होनी चाहिए। आपसी भाईचारा को बनाए रखने के लिए राहुल गांधी जी ने कन्या कुमारी से कश्मीर तक 3- 4 हजार किलोमीटर की यात्रा की ताकि सभी धर्म, जाति बिरादरी का भेद मिट सके।अपनी यात्रा में राहुल गांधी किसानों, मजदूरों, छात्र नौजवानों से मिले। अंबेडकर जी के संविधान से देश को चलाना है तब आपसी भाईचारा और प्रेम कायम रहना चाहिए।कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मंटन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को पूर्वमंत्री कृपानाथ पाठक, पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार, विधायक संतोष मिश्रा, विधायक नीतु कुमारी, पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह, पूर्व विधायक बंटी चैधरी, कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष आभा सिंह, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र प्रसाद सिंह, विकास कुमार समेत अनेक लोगों ने संबोधित किया।

 हुआ जबरदस्त अगवानी और स्वागत 

इसके पूर्व डॉ. अखिलेश का भव्य अगवानी और स्वागत मंच पर किया गया। नवादा- नालंदा की सीमा पर बणगंगा के पास अगवानी की गई। पार्टी जिलाध्यक्ष मंटन सिंह, पार्टी नेता विकास कुमार ने समर्थकों के साथ जोरदार अगवानी और स्वागत किया। राजगीर से नारदीगंज- हिसुआ- नवादा के रास्ते जगह- जगह फूल मालाओं से स्वागत अभिनंदन किया गया।राजगीर से नवादा के आईटीआई मैदान पहुंचने में कई घंटे लग गए। कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। 

एक धड़ा कार्यक्रम से रहा दूर:-

कांग्रेस का कार्यक्रम हो और विवाद न हो यह संभव नहीं । इस आयोजन में भी कुछ ऐसा ही हुआ। प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम से पार्टी का एक धड़ा दूर रहा। पार्टी नेता डॉ. अनुज सिंह सहित अन्य कांग्रेसजन कार्यक्रम में नहीं दिखे। ऐसी चर्चा रही कार्यक्रम को कुछ लोगों ने पार्टी की बजाय खुद का बना लिया। पूरे आयोजन का सेहरा पार्टी नेता विकास कुमार के नाम रहा। 

कुछ कांग्रेसजन इस बात से नाराज रहे कि दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्त रहने के बावजूद एनएसयूआई प्रभारी डॉ. कन्हैया कुमार, राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर जैसे बड़े नेता का नाम कार्यक्रम के अतिथियों की सूची में दिया गया था। बहरहाल, कांग्रेस का यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम संपन्न तो हुआ लेकिन विवादों के साए में...! हालांकि, आयोजक किसी प्रकार के विवाद को खारिज कर रहे हैं और कार्यक्रम को पूरी तरह से सफल बता रहे हैं।





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