पितृ अमावस्या पर देव घाट के अलावे अन्य घाटो में भी तर्पण करे गयाजीवासी – जिलाधिकारी

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पितृ अमावस्या पर देव घाट के अलावे अन्य घाटो में भी तर्पण करे गयाजीवासी – जिलाधिकारी


विप्र.
प्रभात कुमार मिश्रा, गयाजी।

विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष महाकुंभ मेला का कल यानी शनिवार को अंतिम तिथि है। पितृ अमावस्या पर देश-विदेश से आये विभिन्न पिंडदानियों के साथ-साथ मगध क्षेत्र के बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों द्वारा भी पितृ अमावस्या पर तर्पण करने की परंपरा है। पितृ अमावस्या पर पितृतर्पण के बाद गयाजी आए सभी   तीर्थयात्री और पिंडदानी अपने पूर्वजों को अंतिम तर्पण करते हुए वापस जाते हैं। पितृपक्ष के अंतिम तिथि पर भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा शनिवार की अहले सुबह से ही विभिन्न घाटों पर पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई गई है। ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहे इसके लिए अतिरिक्त ट्रैफिक के जवानों को मेला क्षेत्र में लगाया जाएगा।

ऐसा मान्यता है कि लोग पितृपक्ष के अंतिम तिथि यानी पितृ अमावस्या को तर्पण करने के पश्चात विष्णुपद मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाते हैं। इसे लेकर भीड़ नियंत्रण, यातायात नियंत्रण और विधि व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। जिला प्रशासन सभी स्थानीय लोगों से अपील किया है कि गयाजी डैम निर्माण होने के कारण लोग घाट पर ही तर्पण करेंगे। जबकि पिछले कई वर्षों से जब फल्गु नदी में पानी नहीं रहती थी, तो लोग नदियों में जाकर तर्पण करते थे। 

नदी में पानी रहने के कारण लोग घाट पर ही तर्पण करेंगे। अत्यधिक भीड़ की स्थिति ना बने इसके लिए पिता महेश्वर, पंचदेव धाम, ब्राह्मणी घाट, गजाधर घाट, सीता कुंड, केंदुई घाट तथा अन्य घाट जो फल्गु नदी के समानांतर है। सभी में आप अपनी सहूलियत के अनुसार तर्पण करें। जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने स्थानीय लोगों से अपील किया है कि कल शनिवार को पितृ अमावस्या के तिथि में एक साथ सारे लोग देव घाट पर भीड़ न लगावे। प्रशासन द्वारा इन संबंधित सभी घाटों पर पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है। सभी आमजन भीड़ से बचने व्यवस्थित की गई अन्य घाटों का भी प्रयोग करें।

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