- जून से अगस्त महीने तक जिले में 39 प्रतिशत कम हुई बारिश
- माॅनसून की दगाबाजी से किसानों की बढी हुई है चिंता
विप्र, नवादा: सावन महीना के साथ ही भादो भी चार दिन बीत गए। लेकिन माॅनसून की स्थिति सही नहीं है। अच्छी बारिश नहीं होने के कारण नदियां, ताल-तलैया प्यासे रह गए। अब जिले का प्रमुख फुलवरिया डैम भी सूखने के कगार पर है। जिससे किसानों की चिंता बढ गई है। साथ ही पेयजल आपूर्ति पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। इन दिनों गर्मी पूरे परवान पर है। भादो के महीने में जेठ की दुपहरी का अहसास हो रहा है। कडी धूप से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। फलस्वरूप सडकों पर सन्नाटा पसर जा रहा है। भीषण गर्मी के कारण आमजनों के साथ ही पशु-पक्षी हलकान हो रहे हैं। माॅनसून की इस दगाबाजी के कारण पानी का संकट उत्पन्न हो गया है।
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एक सप्ताह में सिंचाई के लिए भी नहीं मिलेगा पानी
- जिले के रजौली प्रखंड स्थित फुलवरिया डैम में पानी की उपलब्धता काफी कम हो गई है। फिलहाल 145.80 हेक्टर फीट में पानी है। इस भूभाग में 1.50 ईंच पानी ही बचा है। सिंचाई विभाग के एसडीओ मनीष कुमार ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि अगर माॅनसून की यही स्थिति रही तो एक सप्ताह बाद किसानों को डैम से पानी उपलब्ध कराना मुश्किल होगा।
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पेयजल आपूर्ति में भी पहुंच सकती है बाधा
- फुलवरिया डैम में पानी कमने से रजौली के कई गांवों में पेयजल आपूर्ति में भी बाधा पहुंच सकती है। बता दें कि नीर निर्मल परियोजना के तहत प्रखंड के दस पंचायतों की गांवों में पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। जिंदल कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि फुलवरिया डैम के जलस्तर का लगातार अवलोकन किया जा रहा है। अगर पानी की यही स्थिति रही तो पांच-छह महीने से ज्यादा पेयजल उपलब्ध कराना मुष्किल होगा।
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तीन महीने में 39 प्रतिषत कम हुई बारिश
- माॅनसून की दगाबाजी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जिले में 39 प्रतिषत कम बारिश हुई है। कृषि विज्ञान केंद्र सेखोदेवरा के मौसम वैज्ञानिक डाॅ रौशन कुमार ने बताया कि एक जून से 31 अगस्त 2023 तक जिले में 648.1 मिलीमीटर बारिश होना चाहिए था। जबकि वास्तविक वर्षापात 394 मिलीमीटर है। इस प्रकार 39 फीसदी कम बारिश हुई। अगले एक-दो दिनों में आंशिक बारिश के आसार हैं।
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