विप्र.संवाददाता रक्सौल,पूर्वी चंपारण : नेपाल सरकार ने भारतीय सौ रुपया से अधिक का नोट नहीं रखने का सख्त निर्देश दिया है। इसके साथ ही
नेपाल राष्ट्र बैंक ने सूचना सावर्जनिक किया है। जिसमें भारतीय सौ रुपया से अधिक प्रतिष्ठानों ,घरों और पास में नही रखने लेन-देन नहीं करने का आदेश दिया है। भारतीय रुपया से नेपाल में कारोबार नहीं करने का आदेश दिया है। जिसके बाद से नेपाली व्यापारियों की वेचैनी बढ़ गयी है। नेपाल का सबसे बड़ा आय का स्रोत पर्यटन है। नेपाल आने-जाने वाले 70 प्रतिशत भारतीय पर्यटक हैं। रक्सौल अनुमंडल से सटे पर्सा और बारा जिला नेपाल का प्रमुख औधोगिक नगरी है। वहां के कल-कारखानों में दक्ष और तकनीकी विभाग में भारतीय लोग कार्यरत हैं। जिन्हें नेपाली मुद्रा में भुगतान होगा। उक्त लोगों को समस्या होगी। राष्ट्र बैंक नेपाल ने भारत से नेपाल आने वाले और नेपाल से भारत जाने वाले लोगों को पांच हजार अमेरिकी डॉलर लेकर आने-जाने का अनुमति दिया है, परंतु भारतीय सौ रुपए से नीचे होना चाहिए। उससे अधिक लेकर जा रहे हैं ,तो बार्डर पर स्थित नेपाली भंसार( कस्टम ) के समझ घोषणा करना होगा। नेपाल से भारत भ्रमण करने वाले व उपचार कराने वाले लोगों के लिए राष्ट्र बैंक विभिन्न शहरों के बैंकों को नेपाली मुद्रा को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित करने का विशेष परिस्थिति में प्रावधान किया है। जिसमें नेपाली रुपये से 25 हजार रुपया भारत भ्रमण और उपचार,दवा खरीदारी के लिए 50 हजार तक भारतीय मुद्रा देगा। इसके लिए आवश्यक प्रमाण यानी नेपाली नागरिकता, टिकट , चिकित्सक द्वारा रेफर करने का पुर्जा होना आवश्यक है। कारोबार के के लिए बैंक ड्राफ्ट,विभिन्न भारतीय व नेपाली बैंकों के एटीएम कार्ड के माध्यम से खरीदारी व उपचार के लिए राशि निर्धारित नहीं है।
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