मनरेगा योजना के कार्य में चलाए जा रहे जेसीबी मशीन - MNREGA

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मनरेगा योजना के कार्य में चलाए जा रहे जेसीबी मशीन - MNREGA

- धमनी पंचायत के करनपुर गांव के विद्यालय में मनरेगा योजना के तहत ट्रैक्टर से मिट्टी भराई कर उसे जेसीबी चला कर किया जा रहा है

- समतल इंटरनेट मीडिया पर वीडियो फोटो वायरल

विप्र-संवाददाता


रजौली (नवादा) प्रखंड के धमनी पंचायत के करनपुर गांव में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के मैदान में मनरेगा योजना के तहत दर्जनों ट्रैक्टर से मिट्टी भराई कर उसे जेसीबी मशीन से लेबलिंग किया गया है। जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।वायरल वीडियो में साफ तौर पर कहा जा रहा है, कि करनपुर गांव के विद्यालय में मनरेगा योजना के तहत मिट्टी भराई ट्रैक्टर से की गई है और उसे जेसीबी से बराबर किया जा रहा है। वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि वर्तमान पंचायत समिति के द्वारा यह काम कराया जा रहा है। दरअसल मनरेगा योजना में मशीन से कम करने की कोई नियम नहीं है,इसमें मजदूरों को काम देने का प्रावधान बनाया गया है,लेकिन जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर की आवाज से मनरेगा मजदूरों की पेट पर कुल्हाड़ी मारी जा रही है। ट्रैक्टर और मशीन की आवाज सुनकर अपने पास जॉब कार्ड रखने वाले मनरेगा की मजदूर के कलेजे पर सांप लोटा है।अच्छी बारिश नहीं होने के कारण क्षेत्र में धान की फसल व अन्य फसल ना मात्रा के बराबर लगा हुआ है,जिसे बचाने में भी लोगों की पसीने छूट रहे हैं। 


मजदूरी के लिए अपने गांव घर परिवार को छोड़कर दूसरे प्रदेश में काम करने जा रहे हैं,लेकिन अपने प्रदेश अपने गांव अपने घर में मनरेगा के मजदूरों का हक ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन से अधिकारियों की मिली भगत से काम किया जा रहा है। मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को 100 दिन कम देना है और प्रतिदिन 208 रुपया उन्हें मजदूरी देना है,मनरेगा योजना में बहुत बड़ा झोल है। जिले में बैठे-बैठे अधिकारी ईमानदारी पूर्वक मनरेगा योजना का जांच अगर कर देंगे तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा। लेकिन जिन साहब को जांच करने की जवाब देही उनके कंधे पर दी गई है।वह ईमानदारी से जांच करने में क्यों कतराते होंगे इसका अंदाजा आप भी लगा सकते हैं। इस योजना में अधिकारियों की मिलीभगत से ग्रामीण स्तर पर मनरेगा से मशीनरी काम करती है,लेकिन कागज पर उसे मजदूर का जॉब कार्ड दिखाया जाता है। प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम करने वाले आधा दर्जन से अधिक ऐसे पावरफुल सफेद पोस्ट व्यक्ति है।जिनके पास मनरेगा मजदूरों का सैकड़ो जॉब कार्ड उनके जेब में रखा हुआ है काम तो मशीन करती है लेकिन अपने पावर और अधिकारियों के साथ अच्छी साथ गत होने की वजह से मशीनरी से कम कराकर जॉब कार्ड लगाकर पेमेंट निकाल लिया जाता है। यह सभी खेल से मनरेगा के अधिकारी या जिले में बैठे इस योजना को मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी अनजान नहीं है। यह सभी खेल उनके देखरेख में और उनके सलाह पर किया जाता है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

मनरेगा पीओ नीरज त्रिवेदी ने बताया कि वायरल वीडियो को मैंने देखा है।एक-एक बिंदु पर जांच कराई जा रही है।वीडियो देखने के बाद हमने क्षेत्रीय अधिकारी को भेजा था,लेकिन वहां जेसीबी मशीन नहीं थी लेकिन उसकी पहिए की निशान थी। इस योजना से संबंधित कोई एमआर इशू नहीं किया जाएगा। साथ ही इस योजना को अभी तक कितना राशि दी गई है।इसकी जांच करते हुए तत्काल बंद कर दिया जाएगा और जांच में जो भी बिंदु सामने आएगी उसके आलोक में संबंधित लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीओ ने स्पष्ट रूप से कह दिया है की मुखिया हो पंचायत समिति हो या मनरेगा के काम करने वाले और कोई लोग हैं।मशीन इस्तेमाल किया तो बक्से नहीं जाएंगे।

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