बीडीओ की अनुसंशा के बावजूद पदमुक्त नहीं किये जा रहे आवास सहायक, उप विकास आयुक्त कर रहे बचाने का काम

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बीडीओ की अनुसंशा के बावजूद पदमुक्त नहीं किये जा रहे आवास सहायक, उप विकास आयुक्त कर रहे बचाने का काम



विप्र.
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया)

-अब लोक शिकायत में होगी सुनवाई

जिले में आवास आवंटन से लेकर राशि विमुक्त में अधिकारियों व आवास सहायकों की भूमिका परिलक्षित होने लगी है। जब अधिकारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो तो फिर फरियाद सुनेगा कौन? आश्चर्य तो यह कि बीडीओ द्वारा आवास सहायक को पदमुक्त किये जाने की अनुसंशा के बावजूद उप विकास आयुक्त द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त जिला की कल्पना बेमानी है। 

क्या है मामला:- सदर प्रखंड के केना व कुरमा पंचायत आवास सहायक की मनमानी से तंग आकर बीडीओ ने अपने पत्रांक 669 दिनांक 23/06/23 के द्वारा उप विकास आयुक्त से दोनों को पदमुक्त किये जाने की अनुसंशा की। अनुसंशा के आठ माह से अधिक की अवधि बीतने के बावजूद अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी। 

एक है मुखिया पति:- केना पंचायत की आवास सहायक राजेश कुमार मुखिया पति हैं। मुखिया पति होने के कारण इनकी अधिकारियों के साथ सांठगांठ जग जाहिर है। ऐसे में कार्रवाई करने में उप विकास आयुक्त का हाथ पांव फूल रहा है। फिर जिले में आवास आवंटन में भ्रष्टाचार को मिटा पाना असंभव है। ऐसा इसलिए कि जिनके कंधों पर भ्रष्टाचार दूर करने की जिम्मेदारी है खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं

। 

लोक शिकायत पहुंचा मामला:- जब उप विकास आयुक्त ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की तो जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील ने लोक शिकायत में मामला दर्ज कराया। दर्ज कराये गये मामले की सुनवाई 14 मार्च को होनी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐसा कर पाना सभी के लिये संभव है? अगर नहीं तो क्या अधिकारियों को आवास से लेकर अन्य कार्यों में लूट की छूट दी जा सकती है? अगर नहीं तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं?

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