बाल श्रम का धंधा, कभी न होगा मंदा

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बाल श्रम का धंधा, कभी न होगा मंदा


विप्र.
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में बाल श्रम का धंधा मंदा होने का नाम नहीं ले रहा है। ईंट भट्ठों से लेकर मोटर गैराजों व होटलों में तो कहीं भी कभी भी बाल मजदूरी करते देखा जा सकता है, लेकिन जब समाहरणालय में बाल  मजदूरों को काम करते देखा जाय तो हर किसी को आश्चर्य होना स्वाभाविक है। 

बाल मजदूरी एक ऐसा अभिशाप है जो पूरी कायनात को शर्मसार करता रहा है। नवादा की बात करें तो यहां   बालश्रम चरम पर है। प्रशासन की नाक के नीचे बाल श्रम खुलेआम हो रहा है,  लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बालश्रम को लेकर स्थानीय पुलिस की कार्रवाई लचर रही है। ऐसे में हंसता खेलता बचपन मजदूरी के दलदल में फंसत जा रहा है। 

तस्वीरें झूठ नहीं बोलती सो आप देख सकते हैं कि समाहरणालय परिसर में कैसे बच्चों से ईंट  ढुलवाई जा रही है । 

विडम्बना है कि देश की शक्ति का एक अहम हिस्सा जो बच्चों द्वारा निर्मित होता है, बालपन में बाल श्रमिक के रूप में उनकी शक्ति और सामर्थ्य को अनावश्यक रूप से नष्ट कर दिया जा रहा है। 

बावजूद शासन प्रशासन बालश्रम मुक्त नवादा का दावा करते नहीं थकती।

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