नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड व घने कोहरे ने रफ्तार पर लगाम लगा दी है। सड़कों पर वाहन चल नहीं रेंग रहे हैं। बाजारों में सन्नाटा है तो सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति नगण्य देखी जा रही है। कमोवेश इसी प्रकार की स्थिति न्यायालय की है।
मकरसंक्रांति के बाद धूप में तल्ख़ी आने के बजाय धूप ही गायब है। आकाश से बरसती शबनम की बूंदें व घने कोहरे ने लोगों को घरों से निकलने पर पाबंदी लगा दी है। ऐसे में लोग घरों से निकलने के पहले सौ बार सोचते हैं।
कड़ाके की ठंड से पशु पालक परेशान हैं। दुधारू पशुओं ने दूध देना काफी कम कर दिया है। हालात यह है कि पशुओं के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
कृषि पंडित घाघ कहते हैं:- चना में सर्दी बहुत समाई, ताको जान बघेला खाई।
यानी कि चना में अत्यधिक सर्दी में बघेला कीड़ा फसल को नुकसान पहुंचाता है। मसूर व आलू क्षफसल जल जाता है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गयी है तो उन्हें पूंजी का नुकसान का खतरा सता रहा है ।
मंगलवार को भी भगवान भाष्कर बादलों की ओट में छूपे रहे। फिलहाल ठंड व शीतलहरी में कमी के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। ऐसे में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।
हमारे Whatsapp Group को Join करें, और सभी ख़बरें तुरंत पाएं (यहीं क्लिक करें - Click Here)