भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया - Mahaparinirvan Diwas

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भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया - Mahaparinirvan Diwas


नालंदा से संवाददाता राकेश कुमार

नालंदा - बिहारशरीफ के पचासा चौक स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में डॉ भीमराव अंबेडकर जी का माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए महान परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान एवं प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि 6 दिसंबर को डॉक्टर अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है। हमारे संविधान को तैयार करने में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की बड़ी भूमिका थी। इसी वजह से यह संविधान निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं। वह बड़े समाज सुधारक एवं विद्वान थे। उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली स्थित उनके घर पर हुआ था, यानी आज उनकी पुण्यतिथि है। उनकी पूर्ण तिथि को महानिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों से एक है। इसका वस्तुतः मतलब मौत के बाद निर्वाण है बौद्ध धर्म के अनुसार जो निर्वाण प्राप्त करता है वह सांसारिक इच्छाओं और जीवन की पीड़ा से मुक्त होना और वह जीवन चक्र से मुक्त होना यानी वह बार-बार जन्म नहीं लेगा।

 निर्वाण हासिल करना बहुत मुश्किल है,कहा जाता है कि इसके लिए किसी को बहुत ही सदाचारी और धर्म सम्मत जीवन जीना होता है। 80 साल की आयु में भगवान बुद्ध के निधन को असल महानिर्माण कहा गया है। संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर ने वर्षों तक बौद्ध धर्म का अध्ययन किया था। उसके बाद 14 अक्टूबर 1956 को उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया था, उनके साथ उनके करीब 5 लाख समर्थक भी बौद्ध धर्म में शामिल हो गए थे।

 उनके पार्थिक अवशेष का अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के नियमों के मुताबिक मुंबई के दादर चौपाटी पर हुआ,जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। उस जगह को अब चैत्य भूमि के तौर पर जाना जाता है। दलितों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्होंने काफी काम किया और छुआछूत जैसी प्रथा को खत्म करने में बड़ी भूमिका थी,इसीलिए उनको बौद्ध गुरु माना जाता है उनके अनुयायियों का मानना है कि गुरु भगवान बुद्ध की तरह ही काफी प्रभावी और सदाचारी थे यही वजह है कि उनकी पुण्यतिथि को महान परिनिर्वाण दिवस, महानिर्वाण दिन के तौर पर मनाया जाता है। अंबेडकर के अनुयाई और अन्य भारतीय नेता इस मौके पर चैत्य भूमि जाते हैं और भारतीय संविधान के निर्माता को श्रद्धांजलि देते हैं। इस अवसर पर उपस्थित सभी ने बाबा साहेब के रास्ते पर चलने का संकल्प लिए। मौके पर श्रद्धांजलि देने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के जिलाध्यक्ष रविशंकर दास जिला सहसचिव मोहन चौधरी श्रीकांत पासवान वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल यादव भोला पासवान भटोरान रविदास महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष लालति देवी आदि लोग उपस्थित थे।

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