विकाश सोलंकी की रजौली
रजौली (नवादा) प्रखंड क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा को लेकर रजौली शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।सुबह से ही लोग नदी, पोखर,तालाब,कुंओं सहित अन्य पवित्र जलाशयों की ओर रुख करने लगे।श्रद्धालुओं ने नदी में पवित्र स्नान करने के बाद भगवान की पूजा-अर्चना की। शहर के धनार्जीय नदी,तालाब में भिड़ रही।हजारों लोग गंगा नदी में स्नान करने के लिए पटना, बाढ़, बड़हिया, सिमरिया, सुल्तानगंज आदि गंगा घाटों के लिए रवाना हुए।भगवान की पूजा अर्चना कर लोगों ने सुख-समृद्धि की कामना की।फुलवरिया डैम में श्रद्धालुओं के स्नान करने की होड़ लगी रही।इन स्थानों पर पचास हजार से अधिक लोगों ने पूजा-अर्चना कर दीप को प्रवाहित किया। कई घरों व मंदिरों में सत्यनारायण कथा का आयोजन कर ब्राम्हणों को दक्षिणा प्रदान किया गया। ठंड के बावजूद आस्था भारी रही। सभी महीनों में कार्तिक माह का अपना एक विशेष महत्व है। इस माह के आरंभ होने के साथ ही अधिकाश घरों के लोग वैष्णव जीवन का पालन करते हैं।घरों में प्याज-लहसुन तक का प्रयोग नहीं होता।
इसी माह में धनतेरस,दीपावली,भैया दूज,गोधन पूजा समेत पाच दिवसीय सूर्यषष्ठी व्रत के साथ प्रबोधिनी एकादशी व्रत का आयोजन होता है।कुल मिलाकर कार्तिक पूर्णिमा को ले मंदिरों में चहल-पहल बरकरार रही तो दिन भर मेला का दृश्य बना रहा। इस बीच जिले से हजारों की संख्या में लोग गंगा स्नान के लिये बाढ़,सिमरिया, बड़हिया घाट व सोनपुर के लिये वाहनों से अहले सुबह रवाना हुए।अधिकाश वाहनों के सुरक्षित रवाना होने से सड़कों पर वाहनों का परिचालन काफी कम देखा गया। वैसे सोमवार होने व कार्यालयों के बंद होने से हर किसी ने पूर्णिमा का आनन्द उठाने का भरपूर प्रयास किया तथा हर किसी ने अपने-अपने स्तर से पूजा अर्चना की।
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