कलियुग में नाम संकीर्तन के अलावा जीव के उद्धार का अन्य कोई विकल्प नहीं है _ _देवी चित्रलेखा

👉

कलियुग में नाम संकीर्तन के अलावा जीव के उद्धार का अन्य कोई विकल्प नहीं है _ _देवी चित्रलेखा


विप्र.
 टिकारी(गया) प्रखण्ड  के पच महला गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक  देवी चित्रलेखा जी ने उपस्थित  श्रद्धालुओं को अपनी अमृत वाणी से सृंचित करते हुए कहा कि इस कलियुग में नाम संकीर्तन के अलावा जीव के उद्धार का कोई विकल्प  नहीं। देवी चित्रलेखा जी ने श्रद्धालुओं को बताया कि कैसे भगवान् का दर्शन करने सारी सृष्टि नन्दभवन की ओर प्रस्थान करने लगी।समस्त ग्राम वासी, देवता, गंधर्व, आदि  भगवान् के बाल स्वरुप का दर्शन करने पधारे।

और माता यशोदा ने नंदमहल के सारे भण्डार खोल दिए नंद बाबा ने झोली भर भर बधाइयाँ लुटाई। आज सबकी इच्छा पूरी हो रही है कुबेर ने भण्डार खोल दिया है और लोग ऐसे बधाइयाँ लूटा रहे है जैसे गोविन्द के उन्ही की घर जन्म लिया हो। पुनः उन्होंने भगवान् की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया के बिना भाव के भक्ति संभव नहीं । भाव होने से भगवान् खुद भक्त को समर्पित हो जाते हैं।

जीव को भगवान के साथ किसी किसी रिश्ते से जुड़ना पड़ता है।चाहे भगवान् को वह अपना पिता स्वीकार करे मित्र या फिर प्रियतम। वहीं कथा प्रसंग के दौरान 

 देवीजी ने कंश मामा द्वारा भेजी गयी पूतना, सकटाशुर, वकाशुर आदि आदि राक्षसों के वध की कथा सुनाई और यमला अर्जुन नाम के दो शापित वृक्षों को भगवान् की बाल लीला द्वारा मुक्त कराने की कथा सुनाई साथ  ही भगवान् की लीला में माखन चोरी का प्रसंग बताया कि कैसे भगवान् ने माखन के साथ गोपियों का मन चुराया और गोपियों के चीर हरण कर के उन्हें पवित्र जल श्रोतों में न स्नान करने की शिक्षा दी। कथा वाचक देवी चित्रलेखा जी ने पुनः  भगवान् की 7 वर्ष की उम्र में की गयी गोवर्धन लीला का श्रवण कराया कि कैसे भगवान् ने इंद्रदेव का घमंड चूर किया और इष्ट श्रद्धा का पाठ वृजवाषियों को पढाया।

भगवान् ने गिरिराज पर्वत उठा कर इंद्र द्वारा की गयी मूशलधार बारिश से वृजवाषियों को शरण दी। देवी जी के कथा वाचन के दौरान अपने कान रूपी दोने से श्रवण कर रहे श्रद्धालु भावविभोर हो झूम उठे और नृत्य करते अघा भी नहीं रहे थे। वहीं कथा के अंतराल में माखन चोर नंदलाल बाल श्रीकृष्ण की अनुपम, अलौकिक, मनोहर ,चित को चुरा लेनेवाली झांकियों की एक झलक पा श्रद्धालु  धन्य धन्य हो रहे थे।

हमारे Whatsapp Group को Join करें, और सभी ख़बरें तुरंत पाएं (यहीं क्लिक करें - Click Here)




Previous Post Next Post