- प्रशासन की नहीं बालू माफिया का है साम्राज्य
- प्रशासन के दावे हवा हवाई
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) ज्यों ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता ही गया। लेकिन यहां तो लाभ- शुभ के चक्कर में दवा ही गायब है। प्रशासन के बालू व दारू पर नियंत्रण के हर दावे हवा हवाई साबित हो रहा है।
जी हां! ऐसी बात नहीं कि कार्रवाई नहीं हो रही है। हो रही है लेकिन बालू व दारू माफियाओं की मर्जी से। यही कारण है कि जरूरत के अनुसार हर किसी को बालू व दारू आसानी से घर बैठे मिल जा रहा है।
फिलहाल जिले में तीन बालू घाटों ने कार्य करना आरंभ किया है। तीनों बालू घाट अकबरपुर, गोविन्दपुर व नवादा सदर में है। जाहिर है रजौली अनुमंडल में एक भी बालू घाट चालू नहीं है, लेकिन लोगों को आसानी से बालू मिल जा रहा। जाहिर है ऐसा पुलिस- प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। तस्वीरें झूठ नहीं बोलती लेकिन प्रशासन है कि मानने को तैयार नहीं।
जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक बालू घाटों पर रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला बेखौफ होकर बालू माफिया दिन-रात बालू की चोरी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर रजौली शहरी क्षेत्रों में भी बालू माफिया बेखौफ होकर बालू गिराकर चले जा रहे हैं और पुलिस को इस बात की तनिक भी फिक्र नहीं है। बालू माफिया के बढ़ते हौसले और काम करने के तरीके से चौक- चौराहे पर आम लोगों के जवान पर एक ही बात है कि बिना पुलिस के संरक्षण में इतना बेखबर होकर बालू तस्करी कर पाना मुमकिन नहीं है। आम लोग से लेकर कई जनप्रतिनिधि भी दबी जुबान से ही सही रजौली थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाने लगे हैं।
वैसे रजौली थानाध्यक्ष के भ्रष्टाचार में संलिप्तता एसपी द्वारा कराये गये जांच में सामने आ चुकी है, बावजूद कार्रवाई नहीं होने से इनका मनोबल उंचा है तो एसपी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि हमाम में सभी------।
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