शहादत दिवस पर याद किए गए शहीद आशुतोष

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शहादत दिवस पर याद किए गए शहीद आशुतोष


विप्र.
 मेसकौर (नवादा)

शहीद के पिता के दिल में एक कसक हमेशा रहती है 

शहीदों की शहादत पे लगेगें हर बरस मेले, वतन पे मिटने वालो की यही बांकी निंशा होगी 


मेसकौर प्रखंड  अंतर्गत बैजनाथपुर गांव के वीर सपूत शहीद आशुतोष कुमार की 19 वीं शहादत्त दिवस पर रविवार को उनके शहीद स्मारक पर पिता नरेंद्र कुमार सिंह ने जैसे हीं पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी, वहाँ मौजूद लोगों की आँखे बरसात के पानी की तरह डबडबा गई ।बतादें कि 29 अक्टूबर 2004 को जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वीर आशुतोष शहीद हो गए थे। बैजनाथपुर गांव में स्थापित शहीद स्मारक पर उनके पिता नरेंद्र कुमार सिंह, चाचा बम बम सिंह ने जैसे ही पुष्प चढ़ा श्रद्धांजलि दी, वहां उपस्थित ग्रामीणों की आंखें बरसात के पानी की तरह डबडबा गई । शहीद आशुतोष कुमार की याद में 1 मिनट का मौन भी रखा गया वहाँ मौजूद लोगों ने भारत माता की जय ,शहीद आशुतोष अमर रहे , जब तक सूरज चाँद रहेगा वीर आशुतोष नाम रहेगा, जैसे अनेकों नारे लगाए गए । वहाँ उपस्थित ग्रामीण विजय सिंह, नवीन कुमार, सिकंदर सिंह, बबलू सिंह,नवीन सिंह,राकेश रौशन मल्लू सिंह, धर्मपाल, अमरेश, अंकित शिशुपाल धीरज, नंदकुमार, चंदन कुमार कुंदन कुमार ,अरविंद कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे 


मरते मरते आतंकी को मार गिराया

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान शहीद आशुतोष के पिता नरेंद्र कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के देनी जंगल में आतंकी रहने की सूचना मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चल रहा था। उसी जंगल में आतंकी छिपे हुए थे। इसी बीच एक पेड़ के पीछे आतंकी के छिपे होने की भनक हमारे वीर सपूत आशुतोष को मिल गई। फिर क्या था आशुतोष ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए पेड़ के पीछे छिपे आतंकी पर ग्रेनेंट से हमला कर दिया । तभी दूसरे आतंकी ने भी ग्रेनेट से आशुतोष पर हमला कर दिया। जिसमें आशुतोष घायल हो गया ।  लेकिन घायल होने के बावजूद भी मां भारती के लाल आशुतोष कुमार ने अपनी AK 47 राइफल से पेड़ के पीछे छिपे आतंकी एवं उसके दो साथियों के सीने को गोलियों से छलनी कर दिया । तभी बगल में छिपे एक आतंकी ने घायल आशुतोष पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। जिसमें आशुतोष कुमार शहीद हो गए । शहीदोपरान्त आशुतोष को सेना मेडल से अलंकृत किया गया। देश की आन बान शान के खातिर शहीद हुए वीर आशुतोष कुमार की शहादत पर परिवार सहित समस्त बैजनाथपूर ग्राम वासी एवं बारत पंचायत के लोग गौरवांवित महसूस करते है।


शहीद के पिता को आज भी एक कसक हमेशा रहती है-: शहीद आशुतोष के पिता नरेंद्र कुमार ने रूआंसे भरे आँखों से लबरेज होते हुए कहा कि आज भी हमारे दिल में एक कसक बरकरार है, और वह है शहीद आशुतोष के याद में एक शहीद द्वार का निर्माण। उन्होंने कहा कि मैं अपने शहीद पुत्र के याद में एक शहीद द्वार बनवाने के लिए सांसद, विधायक से लेकर सभी जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारियों से आग्रहपूर्वक निवेदन किया। सभी लोगों ने आज तक आश्वासन के सिवा कुछ नहीं दिया। बस इसी बात की कसक मेरे दिल में हमेशा रहती है।





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