कामाख्या कक्ष के नवीन प्रयोग का उदाहरण बना मध्य विद्यालय डुमरावां - Kamakhya Kaksh

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कामाख्या कक्ष के नवीन प्रयोग का उदाहरण बना मध्य विद्यालय डुमरावां - Kamakhya Kaksh

- बच्चों के स्वपोषित बैंक से चलेगा डुमरावां का कामाख्या कक्ष

विप्र।संवाददाता


वारसलीगंज (नवादा)
गांधी जयंती के पावन अवसर पर पूर्व संध्या कामाख्या कक्ष के जनक ने डुमरावां मध्य विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक राकेश कुमार के आमंत्रण पर कामाख्या कक्ष का निर्माण सह विधिवत् उद्घाटन में अभूतपूर्व सहयोग किया।और इस तरह उक्त विद्यालय बालिका वर्ग के निजता, अधिकार, सम्मान व सुरक्षा के पथ पर अग्रसर "कामाख्या कक्ष : एक सोच" पकरीबरावाँ प्रखण्ड के प्रथम विद्यालय का साक्षी बना। कार्यक्रम में शिरकत कर रहे मुख्य अतिथि प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि महज एक माह में संचालन का दायित्व संभाले जिस कदर बच्चों के हितार्थ कार्य किया जा रहा है। राकेश कुमार के नेतृत्व में विद्यालय अपनी अमिट छाप छोड़ेगा l राज्य कोषाध्यक्ष अयोध्या पासवान ने बालिका वर्ग के लिए कामाख्या कक्ष को वरदान कहा l जिला कोषाध्यक्ष छोटे नारायण सिंह ने बालिकाओं को संबोधित कर कहा कि आप लोगों का अगर इसी तरह विद्यालय को साथ मिलता रहा तो विद्यालय के साथ-साथ आपका भी उत्थान होता रहेगा l प्रखण्ड अध्यक्ष सह राज्य प्रतिनिधि शंभू प्रसाद सिंह ने बताया कि एक छोटे से ग्रामीण तबके के सरकारी विद्यालय के शिक्षक की सोच आज हमारे जिले को गौरवान्वित कर रही है वह दिन दूर नहीं जब पूरे देश-समाज को गौरवान्वित करेगी l कामाख्या कक्ष के जनक अरविन्द कुमार को अबतक प्राथमिक शिक्षक संघ का ही साथ मिलता रहा था परंतु अब वो अपने कार्यों के बदौलत "द बिहार टीचर्स हिस्ट्री मेकर्स" के "स्टेट ऐडमिन" भी हैं तो स्वभाविक है कि पूरे बिहार के शिक्षकों का साथ मिलेगा और कामाख्या कक्ष रूपी नवाचार जल्द ही पूरे बिहार के विद्यालयों में स्थापित होगा l ग्रामीण अभिभावकों ने कहा कि 15 वर्षों से पूर्व के प्रधानाध्यापक के अतिक्रमण का शिकार यह विद्यालय आज के कार्यक्रम के मद्देनजर अपनी स्वतन्त्रता का आभास करा रहा है l अरविन्द कुमार ने इस बारे में बताया कि प्रत्येक विद्यालय में कामाख्या कक्ष स्थापित करने के साथ-साथ इसका सफल संचालन भी अनवरत् जारी रहे, इसके लिए वर्ग 6 से 8 तक के जितनी भी छात्राएं हैं प्रत्येक सप्ताह 2 रुपये गुल्लक रूपी स्वपोषित कामाख्या बैंक में जमा करेंगी और उन पैसों से अपनी अवश्यकताओं की पूर्ति करेंगी l जिसका लाभ बच्चों के साथ-साथ विद्यालय को भी मिलेगा l बच्चों के इस कृत्य से विद्यालय को अभिभावकों का शारीरिक, मानसिक व आर्थिक सहयोग भी मिलने का अवसर प्राप्त होगा जिस कारण सामुदायिक सहभागिता विद्यालयीय विकास का एक नया आयाम गढ़ पायेगा l कार्यक्रम के अंत में शिक्षक अरविन्द को विद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिह्न के रूप में मोमेंटो व प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया l वहीं आगंतुक अतिथियों को भी अंग-वस्त्र से सम्मानित किया गया l मौके पर विद्यालय शिक्षा समिति की सचिव व अध्यक्ष, रजनीश कांत शर्मा, प्रवीण कुमार, संजीत कुमार, हीरा कुमारी सहित दर्जनों शिक्षक उपस्थित थे।

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